स्मार्ट फोन और इंटरनेट के इस दौर में हर बात को डिजिटल रूप में बयां किया जा रहाहै. अब लोग एक क्लिक से बैठे-बैठे रिएक्ट करने लगे हैं. टेक्नॉलजी ने इमोजीज़ केइस्तेमाल को काफी बढ़ाया है.आज है वर्ल्ड इमोजी डे. मुस्कुराने, हंसने, ठहाके लगाने के साथ-साथ लोट-पोट होकरगिर पड़ने तक के इमोजीज़ एप्स में हैं. लोग उनका खूब इस्तेमाल करते हैं.आज देखेंगेउन इमोजीज़ को जिन्हें हम चिढ़ाने के लिए खूब इस्तेमाल करते हैं. लेकिन लोगों कोअवेयर करती हैं. इन्ही इमोजीज़ की मदद से सुबह टट्टी करते हुए आने वाली दिक्कत कोजुबान दी गई है. चलिए थोड़ा अवेयर हो लें.'बिग फार्मा' नाम की एक विदेशी कंपनी ने पेट से जुड़ी बीमारियों पर अवेयरनेस वीकमनाने के मौके पर कब्ज पर इमोजी तैयार किए थे. कंपनी ने इसी से जुड़ी 'पूप ट्रूप'(Poop Troop) नाम की एक ऐप लॉन्च की थी. यह एक मोबाइल फोन एप्लिकेशन है जो iPhoneऔर एंड्रॉइड फोन यूजर्स के लिए तैयार की गई है. खास बात ये कि इसमें एनिमेशन्स केज़रिये कब्ज के दर्द और डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी दिक्कतों को जाहिर करने की कोशिशकी गई है.ऐसे कर सकते हैं इमोजी से चैटइसकी सबसे मजेदार चीज दवाई के बारे में जानकारी नहीं, बल्कि टट्टी की इमोजी है.वॉट्सऐप और फेसबुक पर अभी तक टट्टी की एक ही इमोजी है. तिकोनी वाली. लेकिन इन नईइमोजी में टट्टी पोज़ देती दिख रही है. इस टट्टी का इंसानों जैसा थोबड़ा भी होगा. ऐपमें अलग-अलग पूप इमोजी हैं. जिन्हें 3 केटेगरी में बांटा गया है.टट्टी करने में जब बहुत दिक्कत हो यानी अलग-अलग कोशिशों के बाद भी टट्टी न हो तो,उसके लिए ये नाम हैं:# स्ट्रेस्ट आउट स्टूली (Stretched Out Stooly)# क्लॉग्ड क्रिस (Clogged Chris)# प्लग अप पॉली (Plugged Up Paulie)# लेफ़्ट आउट लम्पी (Left-Out Lumpy)वहीं जब बिना किसी रुकावट के आप बाथरूम की ओर दौड़ लगा रहे हो तो इस समस्या कोबताने के लिए ये नाम हैं:# वॉटर-वर्क्स विली (Waterworks Willy)# रनी रॉन (Runny Ron)# डायरिया डेव (Diarrhea Dave)# स्क्वर्ट (Squirt)और अगर आपके पेट की कंडीशन नॉर्मल है. और बिना मुंह बनाए आप अपनी दिनचर्या निपटारहे हैं तो इसके लिए ये नाम हैं:# सॉसेज सैली (Sausage Sally)# स्प्लैशर अशर (Splasher Asher)# प्लॉपटास्टिक पीटर (Ploptastic Peter)# मिस ला पूप (Miss La Poop)# मिस्टर स्मूथ (Mr. Smooth)1997 में सबसे पहले ब्रिस्टल स्टूल चार्ट एक 'स्कैंडिनेवियाई जर्नल ऑफगैस्ट्रोएन्टरालजी' में छापा था. इसे टर्म को डॉक्टर ओज ने 2005 में फेमस किया था.जब वो कविता की माध्यम से ओपराह विनफ्रे को नंबर दो (पॉटी) की दिक्कतों के बारे मेंबताने को कहा था.source- WIkimedia commonsन्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार 12-19 फीसदी अमेरिकी हर रोज़ कब्ज़ से होने वालीदिक्कत से दो-चार होते हैं. यानी लगभग 6 करोड़ 30 लाख लोग क्रोनिक इडियोफेटिककॉन्सटिपेशन परेशानी से जूझ रहे हैं. जनवरी 2017 में अमेरिकी फूड और ड्रगएडमिनिस्ट्रेशन ने इसके इलाज के लिए ट्रूलेंस नाम की दवा को अप्रूवल दिया है. येकैंपेन इसी दवा की मार्केटिंग से जुड़ा है. कंपनी के मुताबिक ये दवा पेपटाइड जैसाकाम करती है. जो अंतड़ियों में फ्लूइड की मात्रा बनाए रखती है. जिससे टट्टी करनेमें दिक्कत नहीं होती.इमोजी कब और कैसे शुरू हुए:इमोजी जापानी शब्द है. 1990 में जापान की डोकोमो-आई-मोड मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरकंपनी ने टेक्स्ट मैसेज में इमोजी यूज करने की सुविधा दी थी. जापानी टेलीकॉम कंपनीडोकोमो के कर्मचारी शिगेताका कुरीता ने इमोजी को बनाया था. दिलचस्प बात ये है किशिगेताका कुरीता न तो डिजाइनर थे और न कंप्यूटर इंजीनियर. उन्होंने अर्थशास्त्र कीपढ़ाई की थी. जापान की डिक्शनरी में इमोजी को 1997 में ही शामिल कर लिया गया था.टट्टी के बारे में और जानकारी उस वीडियो में मिलेगी. देखिये.https://www.youtube.com/watch?v=xLafUN5uJ4I--------------------------------------------------------------------------------वीडियो देखें : पड़ताल: वायरल व्हाट्सएप मैसेज में दावा, लश्कर के दो ग्रुप दिल्लीमें घुस आए हैं