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टेस्ला की गाड़ी में लगी आग, इतनी भयंकर कि बुझाने में दो लाख लीटर पानी और हवाई जहाज लग गए

Tesla Car Fire News: आग लगने पर ट्रक की बैटरी का तापमान 1,000 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया था. इस तापमान पर कोई भी जीव या वस्तु जलकर खाक हो सकती है.

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tesla semi electric truck caught fire aircraft fire retardant two lakh litres of water used viral
हादसे में ड्राइवर सुरक्षित है (फोटो- इंडिया टुडे)
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ज्योति जोशी
16 सितंबर 2024 (Published: 15:21 IST)
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दो साल पहले एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने सेमी इलेक्ट्रिक ट्रक लॉन्च किया था (Tesla Truck Fire Viral). ट्रक की सेफ ड्राइविंग को लेकर बड़े बड़े दावे किए गए. अब टेस्ला के इस ट्रक में भयंकर आग लगने की खबर सामने आई है. जानकारी है कि पेड़ों से टकराने के बाद ट्रक में लगी आग को बुझाने के लिए करीब दो लाख लीटर पानी का इस्तेमाल करना पड़ा. इतनी ही नहीं फायर डिपार्टमेंट को एयरक्राफ्ट से फायर रिटार्डेंट भी छिड़कना पड़ा.

USA टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्घटना 19 अगस्त की दोपहर को करीब 3 बजे हुई. जो ट्रक एक्सीडेंट का शिकार हुआ उसे टेस्ला का ही एक कर्मचारी ड्राइव कर रहा था. कैलिफोर्निया में एक मोड़ पर नीचे उतरते हुए ट्रक एक स्टील पोस्ट और फिर कुछ पेड़ों से टकरा गया. हादसे के बाद ट्रक में आग लग गई और हवा में जहरीला धुआं फैल गया. जिससे सांस में दिक्कत होने लगी. उस रास्ते पर यातायात को डायवर्ट दिया गया. हादसे में ड्राइवर को कोई चोट नहीं आई.

नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने हाल ही में मामले पर रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक, ट्रक की बैटरी का तापमान 1,000 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया था. इस तापमान पर कोई भी जीव या वस्तु जलकर खाक हो सकती है. ट्रक की आग को बुझाने और बैटरी को ठंडा करने के लिए पानी के अलावा कैलिफोर्निया के अग्निशमन कर्मियों ने एहतियाती तौर पर विमान से फायर रिटार्डेंट भी छिड़का. फायर रिटार्डेंट अग्निरोधी पदार्थ होता है जिसे आग बुझाने या उसकी तीव्रता को कम करने के लिए किया जाता है.

इस सब के बाद ट्रक को खुली हवा वाली सुविधा में ले जाकर 24 घंटे तक निगरानी में रखा गया. ऑबजरवेशन के ट्रक और उसकी बैटरी प्रणाली में कोई समस्या नहीं देखी गई.

सेफ्टी के क्या फीचर?

कंपनी का कहना है कि ट्रक में बतौर स्टैंडर्ड कई आधुनिक सेफ्टी फीचर्स दिए गए. सभी परिस्थितियों में ट्रैक्शन और स्टेबिलिटी देने के लिए एडवांस इलेक्ट्रिक मोटर और ब्रेक कंट्रोल दिए गए हैं. केबिन में ड्राइवर सीट बिल्कुल बीच में दी गई है. कंपनी का कहना है कि ये सीटिंग पोजिशन ड्राइवर को बेहतर विजिबिलिटी देती है. इसके अलावा केबिन में दो बड़े मॉनिटर दिए गए हैं जो कैमरे की मदद से ट्रक के दोनों साइड और रोड की स्थिति को दिखाते हैं. कंपनी कहती है कि ट्रक का ऑल-इलेक्ट्रिक ऑर्किटेक्चर दुर्घटना की स्थिति में इसके रोल-ओवर रिस्क को काफी हद तक कम करता है.

40 गुना ज्यादा पानी लगता है!

टेस्ला के वाहन में आग लगने और उसे बुझाने की मशक्कत से जुड़ी खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं. द हिल के मुताबिक, अगस्त 2021 में टेक्सस में एक्सीडेंट के बाद टेस्ला में आग लगी थी. दावा किया गया कि आग को बुझाने के लिए अग्निशामकों ने गैस वाहनों में लगी आग के लिए लगने वाले पानी की 40 गुना मात्रा का इस्तेमाल किया. कारस्कूप्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 में अलबामा में अग्निशामकों ने टेस्ला से जुड़ी आग को बुझाने के लिए 36,000 गैलन (1 लाख 36 हजार लीटर) से ज्यादा पानी का इस्तेमाल किया. ये तेल से चलने वाले वाहनों में लगी आग के लिए लगने वाले पानी की मात्रा से लगभग 36 गुना ज्यादा है.

ये भी पढ़ें- भारत में टेस्ला की फैक्ट्री लगने वाली है? जगह तलाशने के लिए मस्क भेज रहे अपनी टीम!

आग लगने की क्या वजह?

बता दें, ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम बैटरी का ही इस्तेमाल किया जाता है जो ज्यादा ड्राइविंग रेंज और किसी भी व्हीकल डिजाइन में आसानी से फिट हो सकती हैं. लिथियम-आयन बैटरी पैक में आग लगने की कई वजह हो सकती है. मसलन, मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, डिजाइन में कोई कमी,  गलत तरीके से इस्तेमाल, चार्जिंग को लेकर आने वाली समस्या या फिर लो-क्वॉलिटी के कंपोनेंट का इस्तेमाल.

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