यू-ट्यूबर के 'मोर करी' बनाने और खाने पर भारी विरोध, पुलिस ने गिरफ्तार कर क्या हिदायत दी है?
Controversy on Peacock Curry Video : वीडियो Telangana के एक YouTuber ने बनाया था. विवाद के बाद वीडियो को यूट्यूब चैनल से हटा दिया गया है.
तेलंगाना (Telangana) के सिरसिला में एक यू-ट्यूबर को 'मोर करी' बनाने और खाने पर गिरफ़्तार कर लिया गया है. इस यू-ट्यूबर द्वारा अपने चैनल में वीडियो अपलोड करने पर भारी विरोध हो रहा था. 'मोर करी' बनाते और खाते हुए उसने वीडियो पोस्ट किया था (YouTuber preparing and consuming 'peacock curry' viral video). इस वीडियो ने लोगों में ग़ुस्सा पैदा कर दिया था. लोगों ने वन्यजीवों को अवैध तरीक़े से मारने का आरोप लगाया. कहा गया कि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है, ऐसे वीडियो सामने आने से ग़लत मैसेज जाएगा.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूट्यूबर का नाम कोडम प्रणय कुमार है. बताया गया कि प्रणय कुमार लोगों को मोर बनाने का तरीक़ा बता रहा था. 'ट्रेडिशनल पीकॉक करी रेसिपी' नाम के इस वीडियो में कथित तौर पर मोर के मांस का इस्तेमाल करके करी बनाते हुए दिखाया गया. लोगों ने इस पर भारी विरोध दर्ज कराया और इसे वन्यजीवों के ख़िलाफ़ गंभीर अपराध भी बताया. विवाद के बाद वीडियो को प्रणय कुमार के यूट्यूब चैनल से हटा दिया गया है.
वन विभाग ने प्रणय कुमार को गिरफ़्तार कर लिया है और उस क्षेत्र में जाकर जांच की है, जहां उसने 'मोर करी' पकाई थी और वीडियो शूट किया था. प्रणय कुमार पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के तहत आरोप लगाए गए हैं. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि वीडियो में एक संरक्षित प्रजाति की हत्या को बढ़ावा दिया गया है. वन अधिकारी वीडियो की वैधता की जांच कर रहे हैं और फोरेंसिक जांच के लिए नमूने इकट्ठे कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें - मछुआरों के जाल में फंसी 1-1 टन वाली ऐसी मछलियां पहले कभी नहीं देखी होंगी, VIDEO वायरल!
सिरसिला के SP अखिल महाजन ने कहा है कि कुमार के ख़िलाफ़ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. उनका कहना है कि प्रणय कुमार और ऐसी हरकतें करने वाले किसी भी दूसरे व्यक्ति के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी. यूट्यूबर के खून के नमूने और करी के अंशों को जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस ने कहा कि अगर जांच में मोर के मांस की पुष्टि होती है, तो कार्रवाई की जाएगी.
बताते चलें कि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है. वन्यजीव संरक्षण अधिनयम के तहत इस अनुसूची-1 प्रजाति की सुरक्षा प्राप्त है. डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक़, मोर को कानून के तहत हाई लेवल की सुरक्षा मिली हुई है. इसका उल्लंघन करने वालों को कम से कम तीन साल की क़ैद की सज़ा दी जाती है, जिसे बढ़ाकर 7 साल तक भी किया जा सकता है.
वीडियो: यूट्यूबर एल्विश यादव की बढ़ती मुश्किलें, ED ने भेजा समन