NEET नहीं निकला तो बेटे ने सुसाइड किया, अब पिता ने दी जान, मुख्यमंत्री ने क्या ऐलान कर दिया?
NEET को लेकर सीएम स्टालिन और राज्यपाल का झगड़ा पहले से चला ही आ रहा है...
नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-इंट्रेंस टेस्ट (NEET) पास नहीं कर पाने पर चेन्नई में एक 19 साल के लड़के ने शनिवार, 12 अगस्त को सुसाइड कर लिया था. दो दिन बाद 14 अगस्त को उस लड़के के पिता भी मृत पाए गए. बताया जा रहा है कि उन्होंने भी सुसाइड कर लिया. इस तरह से बाप और बेटे की सुसाइड के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने कहा है कि वो इस एग्जाम को खत्म करा देंगे. इसके साथ ही उन्होंने NEET की तैयारी करने वाले छात्रों से भी अपील की है कि वो सुसाइड का खयाल ना लाएं, बल्कि जिंदगी का आत्मविश्वास के साथ सामना करें.
इंडिया टुडे के प्रमोद माधव की रिपोर्ट के मुताबिक CM स्टालिन ने कहा,
दो बार NEET क्लियर नहीं हुआ था"मैं अपील करता हूं कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी छात्र को सुसाइड के बारे में नहीं सोचना चाहिए. NEET, जो आपके विकास में बाधा है, उसको खत्म कर दिया जाएगा. राज्य सरकार इस दिशा में कानूनी पहल पर सक्रिय तौर पर काम कर रही है."
चेन्नई के क्रोमपेट इलाके में 12 अगस्त को पता चला था कि जगदीश्वरन नाम के मेडिकल अभ्यर्थी ने अपने कमरे में सुसाइड कर लिया. उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जगदीश्वरन को मृत घोषित कर दिया था. ऐसा बताया गया कि दो बार से NEET क्लियर नहीं हो पाने पर जगदीश्वरन को डिप्रेशन था.
पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. हालांकि, जगदीश्वरन के पिता सेल्वासेकर ने अपने बेटे की मौत के लिए NEET प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था. सेल्वासेकर ने कहा था कि वह तमिलनाडु में NEET को हटाने के लिए प्रदर्शन करने को तैयार हैं. लेकिन 14 अगस्त को सेल्वासेकर भी मृत पाए गए. कहा जा रहा है कि उन्होंने भी अपने बेटे की तरह सुसाइड कर लिया.
NEET को लेकर CM स्टालिन ने राज्यपाल को घेराCM एम.के स्टालिन ने NEET को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन रवि पर निशाना साधा. उन्होंने तमिलनाडु में NEET पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं देने के लिए राज्यपाल की आलोचना की. स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार प्रस्तावित कानून पर विधानसभा में दो बार विधेयक ला चुकी है. CM स्टालिन बोले,
“हमने इसे (बिल को) राज्यपाल के पास भेजा था. पहले तो उन्होंने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. फिर दबाव में आकर उसे वापस भेज दिया. हमने विधानसभा में फिर से प्रस्ताव पारित करने के बाद इसे राज्यपाल के पास वापस भेज दिया. उन्हें सहमति देनी थी, लेकिन उन्होंने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया.”
बता दें कि तमिलनाडु में NEET उन मुद्दों में से एक है जो राजभवन और राज्य सरकार के बीच विवाद का विषय रहा है. तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन रवि ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि वो राज्य सरकार के NEET विरोधी विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि वैसे भी विधेयक राष्ट्रपति के पास गया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु के राज्यपाल ने कहा कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि केवल कोचिंग करने वाले स्टूडेंट ही इस मेडिकल इंट्रेंस एग्जाम को पास कर सकते हैं, बल्कि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि NEET से भ्रष्टाचार कम हुआ है और इससे गरीब स्टूडेंट के लिए भी एडमिशन लेना संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि तमिलनाडु के बच्चे प्रतिस्पर्धा करें और सर्वश्रेष्ठ बनें. खैर, ये विवाद कहां जाकर रुकेगा, ये देखने वाला होगा.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं, तो आप 9152987821, 9820466726 नंबरों पर फोन करें. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस करने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही ज़रूरी है, जितना शारीरिक बीमारी का इलाज. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
वीडियो: तमिलनाडु गवर्नर आरएन रवि का स्टालिन के मंत्री को बर्खास्त करने का फैसला बदल गया!