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ताइवानी मंत्री का भारत में हुआ इंटरव्यू, चीन भड़का, पलटकर ताइवान बोला- 'तुम्हारी कठपुतली नहीं'

Taiwan की Foreign Ministry ने सोशल मीडिया पर भारत में हुए ताइवान के मंत्री के इंटरव्यू को लेकर चीन को जवाब दिया. क्या-कैसे हुआ? क्यों चीन एक इंटरव्यू से भड़क गया?

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China on Taiwan and india
चीन ने ताइवान को लेकर भारत को चेताया (फोटो: इंडिया टुडे)
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आर्यन मिश्रा
3 मार्च 2024 (Updated: 3 मार्च 2024, 14:23 IST)
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'भारत और ताइवान चीन की कठपुतली नहीं हैं.' ताइवान के विदेश मंत्रालय(Taiwan Foreign Ministry) की तरफ से X पर किए गए एक पोस्ट में ये बात कही गई. दरअसल कुछ दिन पहले एक भारतीय न्यूज चैनल ने ताइवान के विदेश मंत्री का इंटरव्यू लिया था. जिसके बाद चीन ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ताइवान चीन का अभिन्न अंग है. और भारत की ये हरकत बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Taiwan ने क्या कहा?

ताइवान के विदेश मंत्रालय के अकाउंट से X पर की गई पोस्ट में लिखा गया,

"ना ही भारत और ना ही ताइवान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा हैं. और ना ही उनकी कठपुतली. हम दोनों आजाद मीडिया वाले लोकतंत्र हैं. हम पर किसी की तानाशाही नहीं चलेगी. बीजिंग को पड़ोसियों की निंदा करने से ज्यादा अपनी डूबती अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए. "

China ने क्या कहा था?

ताइवान के विदेशी मामलों के चीफ जोइसे जोसेफ वू ने एक भारतीय मीडिया चैनल को इंटरव्यू दिया था. चीन ने इसे लेकर अपने X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा,

'29 फरवरी, 2024 को भारतीय टीवी चैनल न्यूज एक्स ने ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू का इंटरव्यू लिया. जिससे उन्हें ताइवान की आजादी की वकालत करने और गलत जानकारी फैलाने के लिए मंच मिला. इस इंटरव्यू ने वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन किया है.

वन चाइना प्रिंसिपल बिल्कुल साफ है. पूरी दुनिया में सिर्फ एक चाइना है. और ताइवान चीन का अभिन्न अंग है. पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती सरकार है. '

ये भी पढ़ें: क्या चीन के डर में PM मोदी ने दलाई लामा और ताइवान प्रेसिडेंट के बड्डे विश पर जवाब नहीं दिया?

अपने इस पोस्ट में चीन ने ताइवान को अलग देश मानने से भी इनकार कर दिया. कहा कि अलगाववादी ताकतें ताइवान की आजादी की कितनी भी वकालत कर लें, लेकिन ऐतिहासिक साक्ष्यों को नकारा नहीं जा सकता है. इसके साथ ही चीन ने भारतीय मीडिया संस्थानों से चीन की अखंडता के बारे में सही जानकारी देने के लिए कहा. और ताइवान की आजादी जैसे मुद्दों को मंच ना देने की बात कही.

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