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मदरसों को बंद करने की NCPCR की सिफारिश पर लगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों को लेकर NCPCR की सिफारिशों और उसके आधार पर उठाए जा रहे सभी कदमों पर अंतरिम रोक लगाई है.

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सुप्रीम कोर्ट ने NCPCR की ओर से इस साल 7 जून और 25 जून को जारी की गई सिफारिशों पर अंतरिम रोक लगाई है. (सांकेतिक तस्वीर: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
21 अक्तूबर 2024 (Published: 18:46 IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को मदरसों को लेकर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की सिफारिशों पर फिलहाल रोक लगा दी है. NCPCR की सिफारिशों में शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम का पालन नहीं करने वाले मदरसों को बंद करने की बात कही गई थी. इसके तहत केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जरूरी एक्शन लेने को कहा था.

NCPCR की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार ने मदरसों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. इसके खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दाखिल की थी. इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की. 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए वकील की दलीलों पर गौर किया. उन्होंने कहा कि NCPCR की सिफारिश और उस पर कुछ राज्यों की कार्रवाई पर रोक लगाने की जरूरत है. अपनी याचिका में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने NCPCR की सिफारिशों को धार्मिक अल्पसंख्यकों के शिक्षा देने के ‘अधिकार का हनन’ बताया था.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में NCPCR की ओर से इस साल 7 जून और 25 जून को जारी की गई सिफारिशों पर अंतरिम रोक लगाई है. कोर्ट ने ये भी कहा कि NCPCR की सिफारिश के आधार पर दिए गए राज्यों के आदेश भी स्थगित रहेंगे. कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद को उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के अलावा अन्य राज्यों को भी अपनी याचिका में पक्षकार बनाने की मंजूरी दी है.

ये भी पढ़ें- 'मदरसों की फंडिंग बंद हो...पाकिस्तान की किताबें पढ़ा रहे'- NCPCR की रिपोर्ट

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 7 जून, 2024 को NCPCR के खत में यूपी के मुख्य सचिव से RTE एक्ट का पालन नहीं करने वाले मदरसों की मान्यता वापस लेने को कहा गया था. 25 जून को लिखे खत में आयोग ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौजूदा मदरसों का निरीक्षण करने और RTE एक्ट का पालन नहीं करने वाले मदरसों की मान्यता वापस लेने के निर्देश जारी करने को कहा था.

26 जून, 2024 को यूपी के जिला कलेक्टरों को 'राज्य में गैर-मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले सभी सरकारी सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने' और 'मदरसों में नामांकित सभी बच्चों का स्कूलों में तुरंत एडमिशन सुनिश्चित करने' के लिए कहा गया था. त्रिपुरा सरकार ने भी 28 अगस्त, 2024 को इसी तरह के निर्देश जारी किए थे. वहीं केंद्र ने भी 10 जुलाई, 2024 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खत लिखकर NCPCR की सिफारिशों के तहत उचित कार्रवाई करने को कहा था.

वीडियो: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने UP के मदरसा एजुकेशन एक्ट को असंवैधानिक क्यों ठहराया?

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