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'हिंदू धर्म की शादियां पवित्र, तलाक तो...' सुप्रीम कोर्ट की ये बात सबको सुननी चाहिए

Supreme Court ने सुनवाई के दौरान हिंदू विवाह के पवित्रता पर बात की. उन्होंने कहा कि समाज में इसे एक ऊंचा दर्जा दिया गया है.

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Supreme court on hindu marriage
सुप्रीम कोर्ट ने कहा हिंदु विवाह एक पवित्र रिश्ता है (फोटो: आजतक)
1 मई 2024 (Updated: 1 मई 2024, 13:40 IST)
Updated: 1 मई 2024 13:40 IST
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'हिंदू विवाह नाचने-गाने और शराब पीने- खाना खाने के लिए नहीं...' सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक सुनवाई के दौरान ये बात कही. तलाक के मामले पर सुनवाई करते हुए ये बात कही गई. जस्टिस बी वी नागा रत्ना और अगस्टीन जॉर्ज मसीह (Justices BV Nagarathna and Augustine George Masih) मामले की सुनवाई कर रहे थे. जानते हैं पूरा मामला.

क्या मामला था?

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला ने अपने तलाक की कार्यवाही को ट्रांसफर करने की याचिका दायर की थी. इस मामले में पति और पत्नी दोनों का कहना है कि उनकी शादी वैध नहीं है. उनका दावा है कि उन्होंने शादी से जुड़े किसी भी रीति रिवाज का पालन नहीं किया.

कोर्ट ने क्या कहा?

मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा,

'हिंदू समाज में शादी संस्कार और पवित्रता की निशानी है. समाज में इसका काफी महत्व है और इसे एक ऊंचा दर्जा दिया गया है. इसलिए हम युवाओं से आग्रह करते हैं कि शादी करने से पहले इस बारे में अच्छे से सोच समझ लें. शादी नाचने-गाने या शराब और खाने के लिए नहीं होती है. ना ही ये दहेज या गिफ्ट के लेनदेन के लिए होती है. जिसके चलते भविष्य में आपराधिक गतिविधियों वाली मानसिकता बनने लगती है. ना ही शादी कोई सौदा है. शादी तो एक पुरुष और महिला के एक नए रिश्ते की नींव की तरह है. जो उन्हें पति और पत्नी का दर्जा देती है.'

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दंपतियों द्वारा बिना रीति-रिवाज के वैवाहिक संबंध रखने पर भी आपत्ति जताई. कोर्ट ने कहा कि शादी कोई सौदा नहीं ये एक पवित्र बंधन है.

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कोर्ट ने क्या फैसला लिया?

रिपोर्ट के मुताबिक दंपति ने कोर्ट में बताया कि किन्हीं परिस्थितियों और दबावों के चलते उन्होंने उस वक्त वैदिक जनकल्याण समिति (पंजीकृत) से शादी का प्रमाण पत्र लिया. और उत्तर प्रदेश रजिस्ट्रेशन रूल 2017 के तहत इसी प्रमाण पत्र की मदद से शादी को रजिस्टर करवाया. मामले के याचिकाकार्ता पक्ष की बात सुनने के बाद कोर्ट ने बिना रीति रिवाजों के शादी रजिस्टर होने की बात को देखते हुए शादी को अवैध करार दिया.

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