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सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मर्डर का असली प्लान

गोगामेड़ी और बिश्नोई के बीच अदावत शुरु हो चुकी थी. लॉरेंस का मकसद अब गोगामेड़ी को सबक सिखाना था. उसने रोहित गोदारा की मदद से पंजाब की बठिंडा जेल में बैठे एक गुंडे को फोन लगाया. नाम - संपत नेहरा.

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rohit godara murder gogamedi role of lawrence bishnoi
रोहित गोदारा लॉरेंस गैंग का करीबी बन चुका था. (फोटो-आजतक)
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सिद्धांत मोहन
7 दिसंबर 2023 (Published: 17:08 IST)
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जब रोहित गोदारा ने गोगामेड़ी के मर्डर (Gogamedi Murder Case) की जिम्मेदारी ली, तो कहा कि उसने बदला लिया है. बदला किस बात का? इसकी कहानी मर्डर के 24 घंटे बाद खुली. इंडिया टुडे के जयकिशन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 दिसंबर 2022 को राजस्थान के सीकर में रोहित गोदारा ने राजू ठेहट नाम के गुंडे का मर्डर कराया था. उसके मर्डर के बाद शेखावटी इलाके में लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का गैंग एक्टिव हुआ. बिश्नोई गैंग ने इस इलाके के व्यवसायियों से रंगदारी लेना शुरु किया. लेकिन इनमें से बहुत सारे बिजनेसमैन सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के करीबी थे. लिहाजा गोगामेड़ी के छोटे भाई मंजीत पाल सिंह एक्टिव हुए. वो लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मांग से भड़के बिजनेसमैन के साथ खड़े हुए.

इधर रतनगढ़ के एक प्रॉपर्टी डीलर महिपाल सिंह के पास व्हाट्सऐप पर एक मैसेज आया. ये एक वॉयस मैसेज था, जो 8 दिसंबर 2022 को भेजा गया था. जब महिपाल सिंह ने मैसेज पर प्ले का आइकन क्लिक किया, तो उधर से आवाज आई, 

“मैं रोहित गोदारा हूं. 15 दिसंबर तक 50 लाख रुपए जुटा लो. वरना तुमने सीकर में देखा ही है कि क्या अंजाम होता है. अगर भविष्य में काम करना चाहते हो, तो तुमको पैसा देना होगा.”

महिपाल सिंह ने कोई एक्शन नहीं लिया. फिर 15 दिसंबर के दिन महिपाल सिंह के फोन पर 2 बजकर 50 मिनट पर एक फोन आया. फोन उठाने पर दूसरी ओर से आवाज आई 

“मैं रोहित गोदारा बोल रहा हूं. बस हां या ना में जवाब दो. हम दोबारा फोन नहीं करेंगे.”

लेकिन इस समय तक महिपाल सिंह को सुखदेव गोगामेड़ी और उसके सहयोगी आनंदपाल के गैंग का समर्थन मिल चुका था. लिहाजा उसने फोन पर रंगदारी देने से इनकार कर दिया. और इधर गोगामेड़ी ने खुलेआम लॉरेंस गैंग के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू कर दिया था. वो व्यापारियों को रंगदारी देने से रोकने लगा. इससे लॉरेंस बिश्नोई चिढ़ गया था. उसे गोगामेड़ी और उसकी करणी सेना के प्रभाव वाले इलाके में अपनी पकड़ कमजोर होती दिखाई दी.

गोगामेड़ी और बिश्नोई के बीच अदावत शुरु हो चुकी थी. लॉरेंस का मकसद अब गोगामेड़ी को सबक सिखाना था. उसने रोहित गोदारा की मदद से पंजाब की बठिंडा जेल में बैठे एक गुंडे को फोन लगाया. नाम - संपत नेहरा. उससे कहा कि वो गोगामेड़ी को सबक सिखाने की तैयारी शुरु करे. नेहरा ने हामी भरी. हथियारों का इंतजाम शुरू हो गया.

ध्यान रहे कि ये फरवरी 2023 का महीना था. इसकी भनक पंजाब पुलिस को लगी. उन्होंने मार्च के महीने में राजस्थान पुलिस को अलर्ट किया - गोगामेड़ी की जान को खतरा है. लेकिन राजस्थान पुलिस इस खतरे को भांपने में चूक गई. और गोगामेड़ी मारा गया.

(यह भी पढ़ें: रोहित गोदारा ने बताई गोगामेड़ी की हत्या की वजह, अशोक गहलोत के बेटे का कनेक्शन जोड़ दिया)

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