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पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का सरगना कौन? STF ने तैयार की आरोपियों की लिस्ट, ताबड़तोड़ छापे

UP Police Recruitment Exam में छात्रों की नकल करने में मदद करने वाले लोगों की लिस्ट तैयार हुई है. पेपर लीक में गिरफ्तार आरोपियों के पास पेपर किस नेटवर्क से पहुंचा, STF उसका ब्रीफ तैयार करने में जुटी है. क्या-क्या पता लगा?

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STF has arrested prepared list of people in connection with Uttar Pradesh Police Recruitment Paper Leak case
पेपर लीक की जांच यूपी STF में Addl SP विशाल विक्रम सिंह की टीम कर रही है (बाएं), पेपर लीक को लेकर प्रदर्शन (दाएं) ( फोटो- आज तक )
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प्रगति चौरसिया
25 फ़रवरी 2024 (Updated: 25 फ़रवरी 2024, 14:37 IST)
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यूपी STF ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आरोपियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. परीक्षा में छात्रों की नकल करने में मदद करने वाले लोगों की लिस्ट तैयार की गयी है. सभी नेटवर्क को फिर से खंगाला जा रहा है. गिरफ्तार आरोपियों के पास पेपर किस नेटवर्क से पहुंचा STF उसका ब्रीफ तैयार करने में जुटी है.

महिला अभ्यर्थी की ब्लूटूथ से मदद

गाजियाबाद से गिरफ्तार महिला अभ्यर्थी को नकल कराने वाले गुरबचन के गैंग लीडर मोनू मलिक और कपिल की तलाश तेजी से चल रही है. आज तक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक  मोनू मलिक और कपिल पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगना हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस महिला अभ्यर्थी रिया चौधरी को पुलिस ने पकड़ा है, उसे ब्लूटूथ के जरिए नकल कराने की कोशिश की जा रही थी. गुरबचन के जरिए ही अभ्यर्थी का कपिल मलिक और मोनू मलिक से संपर्क हुआ था. फिलहाल गुरबचन को महिला अभ्यर्थी और उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है.

मथुरा का 'उपाध्याय' कौन है?

वहीं दूसरी तरफ नीरज नाम के शख्स का भी नेटवर्क खंगाला जा रहा है. लखनऊ के कृष्णा नगर में 18 फरवरी को अभ्यर्थी सत्य अमन को नीरज ने ही वाट्सएप पर पेपर भेजा था. लखनऊ पुलिस ने अभ्यर्थी सत्य अमन और उसके साथी नीरज को 19 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था. नीरज ने पूछताछ में बताया कि उसे मथुरा के 'उपाध्याय' के जरिए पेपर मिला था. मथुरा का उपाध्याय कौन है? कहां रहता है? ये बात नीरज को नहीं पता थी.

'2021 की परीक्षा में हुई थी धांधली'

पेपर लीक को सबसे पहले एक्सपोज करने वाले शिक्षक विवेक कुमार ने आज तक से बातचीत में बताया,

2021 में भी यूपी एसआई परीक्षा में धांधली हुई थी. लेकिन तब इसकी जांच नहीं हुई थी. ठीक तरह से जांच होती तो करीब 4 हजार आरोपी पकड़े जाते.

विवेक ने 17 और 18 फरवरी को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द करने के फैसले पर सीएम योगी को धन्यवाद दिया.  उन्होंने कहा कि 26 फरवरी को एसटीएफ ने उन्हें सबूतों के साथ बुलाया है. जिसके लिए वो STF का पूरा सहयोग करेंगे. 

पेपर लीक मामले की जांच यूपी एसटीएफ में एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह की टीम कर रही है. बता दें कि विवेक इन दिनों बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. वो एग्जामपुर नाम से यूट्यूब पर ऑनलाइन कोचिंग चलाते हैं.

 26 फरवरी को एसटीएफ ने विवेक कुमार को सबूतों के साथ बुलाया है.  ( फोटो- आज तक )

ये भी पढ़ें- पेपर लीक पर और क्या करने जा रही योगी की STF?

6 महीने के अंदर होगी परीक्षा

17 और 18 फरवरी को हुई कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द हो गई है. 18 फरवरी को परीक्षा खत्म होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने के दावे किये जाने लगे थे. परीक्षा के पेपर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे. पहले तो यूपी पुलिस ने पेपर लीक से इंकार किया था. इसे लेकर बीते कई दिनों से अभ्यर्थी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. अब अगले छह महीनों के अंदर फिर से एग्जाम करवाए जाएंगे.

वीडियो: UP Police Constable Exam पेपर लीक पर योगी का फैसला कहा छह महीने के अंदर...

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