लव इन द टाइम ऑफ प्रोटेस्ट! जब सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों ने खुलेआम किया प्यार
श्रीलंका में प्रदर्शन के दौरान किस करते हुए एक कपल की तस्वीर वायरल हो रही है. हम आपको ऐसी कई तस्वीर याद दिलाने आए हैं.
अर्जेंटीना के मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा ने कहा था, "एक सच्चा क्रांतिकारी प्यार की गहरी भावना से संचालित होता है." श्रीलंका में ‘क्रांति’ हो रही है या नहीं, ये नहीं पता. लेकिन सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ खड़ी है. उन्हीं प्रदर्शनकारियों के बीच एक कपल किस कर रहे हैं. श्रीलंका की स्थानीय मीडिया NewsWire ने "कपल गोल्स!" लिखकर यह तस्वीर पोस्ट की है, जिसे आप ऊपर देख सकते हैं.
तस्वीर वायरल होते ही कई लोग कपल की तारीफ कर रहे हैं. वहीं कई लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब सरकार या प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ऐसी तस्वीर दिखी हो. इससे पहले अलग-अलग देशों में प्रदर्शन के दौरान लोग अपनों के साथ प्यार का इजहार भी करते रहे हैं.
पिछले साल तुर्की ने इस्तांबुल कन्वेंशन से अलग होने का फैसला लिया था. यह एक अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन है जिस पर 2011 में यूरोपीय यूनियन और तुर्की सहित 45 अन्य देशों ने साइन किया था. इस संधि का मकसद महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के खिलाफ कानून और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के अभियान को मजबूत करना था. इसी संधि से पिछले साल तुर्की आधिकारिक रूप से अलग हो गया. सरकार के फैसले के खिलाफ राजधानी इस्तांबुल में महिलाओं ने जमकर विरोध किया था.
बेल्जियम में अधिक टैक्स और खाने-पीने की चीजों और ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ साल 2018 में सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. इस विरोध प्रदर्शन को 'यलो वेस्ट' प्रोटेस्ट कहा गया था. ब्रसेल्स में प्रदर्शन के दौरान पुलिस के सामने एक कपल एक-दूसरे को गले लगाते दिखे थे. ये तस्वीर 8 दिसंबर 2018 की है.
लैटिन अमेरिकी देश चिली में बढ़ती महंगाई के खिलाफ 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुआ था. 25 नवंबर 2019 की ये तस्वीर चिली की राजधानी सैनटिएगो की जब है. प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में बैरिकेड में आग लगा दी थी. इसी दौरान मास्क लगाए एक कपल किस करते दिखे. प्रदर्शनकारियों के कई मांगों में पेंशन सिस्टम सुधार और न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाना भी था. प्रदर्शन को दबाने के लिए चिली ने 19 अक्टूबर को आपातकाल की भी घोषणा की थी.
जर्मनी में जी-20 सम्मेलन के खिलाफ जुलाई 2017 में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था. वामपंथी संगठनों ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया था. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जी-20 समिट का एजेंडा लोगों के असल मुद्दों के बदले पूंजीपतियों पर केंद्रित होता है. इस प्रदर्शन में अमेरिका, कनाडा और दूसरे देशों के छात्र भी शामिल हुए थे. हैमबर्ग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद वाटर कैनन के सामने एक कपल किस करते हुए. ये तस्वीर 6 जुलाई 2017 की है.
स्पेन के बार्सिलोना में प्रदर्शन के दौरान सड़क पर आराम करते एक कपल. ये तस्वीर 17 अक्टबूर 2019 की है. यह प्रदर्शन 9 अलगाववादी नेताओं को जेल की सजा दिए जाने के खिलाफ आयोजित हुआ था. जिन लोगों को ये सजा हुई थी वे 2017 में कैटोलोनिया के जनमत संग्रह कराने में शामिल थे, जिसे स्पैनिश सरकार ने अवैध घोषित किया था.