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लोकसभा में सोनिया गांधी ने फोन में ऐसा क्या दिखाया जो सांसद कहने लगे- "हमें भी भेज दो"

इसी के तुरंत बाद लोकसभा में हंगामा होने लगा.

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sonia gandhi inside lok sabha
लोकसभा के अंदर सोनिया गांधी. (फोटो: संसद टीवी)
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आर्यन मिश्रा
17 मार्च 2023 (Updated: 17 मार्च 2023, 16:36 IST)
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सुबह 11 बजे के आस पास लोकसभा (Loksabha) का कामकाज शुरु हो जाता है. 16 मार्च को कांग्रेस पार्टी की सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) भी करीब 11 बजे सदन पहुंच चुकी थीं. बहुत उत्साहित लग रही थीं. उनके पास अपने साथियों को दिखाने के लिए कुछ था. कुछ बेहद खास, बेहद अजीज. सोनिया गांधी अपना मोबाइल फोन निकालती हैं और टी आर बालू और फारूक अब्दुल्ला को एक ब्लैक एंड वॉइट फोटो दिखाती हैं. सोनिया की उत्सुकता से पीछे खड़े दयानिधि मारण का ध्यान आकर्षित होता है. वो भी सोनिया को तस्वीर दिखाने के लिए कहते हैं. मारण तस्वीर देखकर बोलते हैं कि सोनिया ये तस्वीर उन्हें भेज दें.

इसके बाद सोनिया ने अपना मोबाइल फोन सुप्रिया सुले को दिया, ताकि वो मारण को फोटो भेज दें. लेकिन सदन के अंदर धीमे इंटरनेट की वजह से फोटो सेंड नहीं हो पाई. फिर सुप्रिया सुले ने मारण का फोन लिया और सोनिया गांधी के मोबाइल स्क्रीन की फोटो खींची साथ ही उन्होंने अपने मोबाइल पर भी एक फोटो खींच ली. अब सवाल ये है कि आखिर वो कौन सी फोटो थी जिसके लेकर सदन के एक कोने में इतनी उत्सुकता थी? इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तस्वीर इंदिरा गांधी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री मुत्तुवेल करुणानिधि की थी.

तस्वीर पर करुणानिधी की बेटी ने क्या कहा? 

गेटी इमेजेस के मुताबिक, ये तस्वीर 3 जनवरी, 1980 को खींची गई थी. तस्वीर में मुत्तुवेल करुणानिधि इंदिरा गांधी को भेंट देते हुए नजर आ रहे हैं. इस फोटो को कनिमोझी करुणानिधि ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया. उन्होंने लिखा,

'इस तस्वीर को शेयर करने के लिए थैंक यू सोनिया गांधी. ये इतिहास का वो हिस्सा है, जो हमें अपने देश के लिए एक साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है.'

सोर्स(कनिमोझी करुणानिधि का इंस्टाग्राम अकाउंट)


कनिमोझी करुणानिधि, मुत्तुवेल करुणानिधि और राजाती अम्माल की बेटी हैं. वो तमिलनाडु से सांसद भी हैं.

विरोध के बाद गिरी थी करुणानिधि की सरकार

साल 1969 में करुणानिधि जब पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने, उस वक्त देश की प्रधानमंत्री थीं इंदिरा गांधी. साल 1971 में करुणानिधि ने इंदिरा गांधी का साथ दिया था. लेकिन इसी के करीब पांच साल बाद आपातकाल लगता है और करुणानिधि आपातकाल का विरोध करते हैं. उसी समय भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाले आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने करुणानिधि की सरकार को बर्खास्त कर दिया था. 

वीडियो: किताबी बातें: इंदिरा गांधी ने अपनी बुआ विजया लक्ष्मी पंडित को घर से बाहर क्यों निकाल दिया?

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