तेजस्वी के सलाहकार, 'चुनाव जिताऊ' रणनीतिकार, कौन हैं संजय यादव, जिन्हें RJD राज्यसभा भेज रही है
Rajya Sabha elections: Sanjay Yadav को Bihar के पूर्व डिप्टी सीएम Tejashwi Yadav के साथ काम करते हुए एक दशक से ज्यादा का समय हो चुका है. अब उन्हें राज्यसभा भेजा जा रहा है. RJD के लिए कितने ख़ास हैं संजय यादव?
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार से राज्यसभा के लिए सांसद मनोज झा और संजय यादव को उम्मीदवार बनाया है. RJD की ओर से राज्यसभा के लिए 14 फरवरी को मनोज झा और संजय यादव के नाम का एलान किया गया. मनोज झा और संजय कुमार यादव ने 15 फरवरी को राज्यसभा चुनाव का नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ RJD सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे.
राज्यसभा के लिए मनोज झा के नाम की चर्चा पहले से थी, लेकिन संजय यादव के नाम से कई लोग हैरान हो गए. हालांकि, संजय यादव को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ काम करते हुए एक दशक से ज्यादा हो चुका है. वो तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक RJD नेता ने कहा कि संजय यादव को राज्यसभा भेजे जाने की मुख्य वजह तेजस्वी यादव के प्रति उनकी वफादारी है.
तेजस्वी के लिए सलाहकार से बढ़कर हैं संजयसंजय यादव हरियाणा से हैं. आधिकारिक तौर पर वो भले ही तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार हैं. हालांकि पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, वह उनके लिए एक 'दोस्त और मार्गदर्शक' रहे हैं. वह सांसद मनोज झा के साथ RJD के प्रमुख लोगों में से एक थे, जिन्होंने अगस्त 2022 में नीतीश से NDA छोड़कर महागठबंधन में आने के लिए बातचीत की थी.
संजय यादव एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और समाजवादी राजनीति में उनकी अच्छी समझ के कारण समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें तेजस्वी से मिलवाया था. उन्होंने शुरुआत में तेजस्वी के साथ दिल्ली और बाद में पटना में काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम की जबरदस्त तैयारी कराई. इसमें तेजस्वी के लिए समाजवादी दिग्गजों के भाषण सुनना और पढ़ना भी शामिल था. उन्होंने तेजस्वी को नामी चैनलों में इंटरव्यू के लिए तैयार करने में मदद की. उनके मॉक इंटरव्यू भी कराए.
ये संजय यादव ही थे, जिन्होंने 2015 में RSS प्रमुख मोहन भागवत की 'आरक्षण की समीक्षा करने की जरूरत' वाली टिप्पणी को RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के सामने उठाया था. इसके बाद लालू यादव ने इस टिप्पणी को चुनावी मुद्दे के तौर पर अच्छी तरह भुनाया. कहा जाता है कि साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन की सफलता में इस मुद्दे ने भी अहम भूमिका निभाई थी. तब महागठबंधन को 178 सीटें मिली थीं. RJD 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
अब RJD इन्हीं संजय यादव को राज्यसभा भेज रही है. संजय यादव ने इसके लिए पार्टी, वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि वो पार्टी और जनता का भरोसा पूरा करने की कोशिश करेंगे.
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