The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • same sex marriage petitoners e...

समलैंगिक शादी की कानूनी लड़ाई लड़ने वालों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में कर ली सगाई

याचिकाकर्ता बोले- 'ये हफ्ता कानूनी हार का नहीं, हमारी सगाई का था.'

Advertisement
same sex marriage petitoners exchange rings in supreme court premise said fight will continue
याचिकाकर्ता अनन्य कोटिया और उत्कर्ष सक्सेना ने 18 अक्टूबर को कोर्ट परिसर में एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई कर ली. (फोटो- ट्विटर)
pic
प्रशांत सिंह
18 अक्तूबर 2023 (Published: 22:12 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादी (Same sex marriage) को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सगाई कर ली है. याचिकाकर्ता अनन्य कोटिया और उत्कर्ष सक्सेना ने 18 अक्टूबर को कोर्ट परिसर में एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई कर ली. एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग के खिलाफ फैसला सुनाया था.

याचिकाकर्ता अनन्य कोटिया ने अपनी सगाई की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया वेबसाइट X पर फोटो पोस्ट की. उत्कर्ष ने लिखा,

“कल दुख हुआ. आज उत्कर्ष और मैं दोबारा कोर्ट गए, जिसने हमारे अधिकारों को खारिज कर दिया. हम दोनों ने एक-दूसरे को अंगूठियां पहनाईं. ये हफ्ता कानूनी हार का नहीं, हमारी सगाई का था. हम अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए फिर लौटेंगे.”

कोर्ट ने कानूनी मान्यता नहीं दी

बता दें कि 17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादी को लेकर अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया और कहा कि वो स्पेशल मैरिज एक्ट को खत्म नहीं कर सकता है. कोर्ट के मुताबिक सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देना संसद का काम है. कोर्ट कानून नहीं बना सकता.

सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों बेंच ने 3-2 के बहुमत से ये फैसला दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि समलैंगिक कपल को बच्चा गोद लेने का अधिकार नहीं दिया जा सकता. उसने कहा कि शादी का अधिकार संविधान में कोई मौलिक अधिकार नहीं है, इसलिए समलैंगिक कपल इसका मौलिक अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने 3-2 के बहुमत से अपना फैसला सामने रखा.  

CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल ने समलैंगिक कपल्स के पक्ष में फैसला सुनाया. लेकिन जस्टिस एस रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा ने विरोध में फैसला दिया. यानी बहुमत समलैंगिक लोगों की दलीलों के खिलाफ रहा. हालांकि इस बात पर सभी जज सहमत थे कि शादी का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट में वो शब्द नहीं जोड़ सकता क्योंकि ये काम विधायिका का है.

(ये भी पढ़ें: 'मेरा जमीर कहता है कि...', समलैंगिक विवाह पर SC के फैसले के बाद क्या बोले ओवैसी?)

वीडियो: 'शुक्रिया चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने दुखी किया' सेम सेक्स मैरिज पर कोर्ट का फैसला देख लोग क्या बोले?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement