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सागर धनखड़ हत्या: जिस दोस्त ने मारपीट का वीडियो बनाया, उसने सुशील कुमार की मुश्किल बढ़ा दी है!

इस केस में एक के बाद एक गिरफ्तारियां हो रही हैं.

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बाईं ओर – वो CCTV फुटेज, जिसमें सुशील कुमार, सागर धनखड़ को पीटते दिख रहे हैं. दाईं ओर – गिरफ्तारी के बाद सुशील कुमार. (फोटो- PTI)
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अभिषेक त्रिपाठी
29 मई 2021 (Updated: 29 मई 2021, 07:45 IST)
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4 मई की रात दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में युवा पहलवान सागर धनखड़ की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप है ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर सुशील कुमार और उनके दोस्तों पर. CCTV फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें ये लोग लाठी-डंडा लेकर पीटते दिख रहे हैं. उस रात वहां पर एक व्यक्ति और था. सुशील का दोस्त प्रिंस, जो घटना का वीडियो बना रहा था. ख़बर ये है कि सुशील का ये दोस्त अब सरकारी गवाह बन गया है. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक घटना की रात सुशील ने ही प्रिंस से वीडियो बनाने के लिए कहा था. अब तक इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 3 की तलाश जारी है. यहां पर बताते चलें कि सरकारी गवाह असल में होता कौन है? यूं तो हर वो गवाह सरकारी गवाह है, जो अदालत में गवाही दे रहा है. लेकिन अगर किसी अपराध में एक से ज़्यादा लोग शामिल हैं और इन संयुक्त अपराधियो में से कोई एक गवाही दे, साक्ष्य उपलब्ध कराए. तो उसे कहते हैं – वायदा माफ़ गवाह. आम तौर पर इसे भी सरकारी गवाह ही कह दिया जाता है. कौन बन सकता है सरकारी गवाह? अगर प्रोसीक्यूशन किसी सह-अपराधी को सरकारी गवाह बनाना चाहती है तो उसे अदालत में अर्ज़ी देनी होती है. कि हम फलां अपराधी को सरकारी (वायदा माफ़) गवाह बनाना चाहते हैं. अब इसमें अदालत ये देखती है कि उस व्यक्ति का अपराध में कितना रोल है. अगर वो ही मुख्य आरोपी है तो वो चाहकर भी सरकारी गवाह नहीं बन सकेगा. वो आरोपी ही रहेगा. अगर कोई ऐसा व्यक्ति, जिसकी अपराध में संलिप्तता तो है, लेकिन बहुत बड़े स्तर पर नहीं तो अदालत उसे सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे देती है. CrPC की धारा-306 के तहत वायदा माफ़ गवाह को क्षमादान दिए जाने का प्रावधान है. न्यायाधीश स्वविवेक के आधार पर उसे सज़ा में कुछ छूट भी दे सकते हैं. बेइज्जती का बदला लेने के लिए हत्या? इंडिया टुडे के रिपोर्टर अरविंद ओझा ने पुलिस के हवाले से बताया है कि 4 मई को दिन में सुशील कुमार छत्रसाल स्टेडियम आए थे. तब उनके साथ ज्यादा रेसलर नहीं थे. स्टेडियम में अचानक उनकी सोनू, सागर, अमित, भक्तु, रविन्द्र और विकास वगैरह से कहासुनी हो गई. सोनू कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी का ममेरा भाई है. ये विवाद मॉडल टाउन के एक फ्लैट को लेकर हुआ था. पुलिस सूत्र बताते हैं कि इन सबने सुशील कुमार की शर्ट का कॉलर पकड़ लिया था. इतना ही नहीं, देख लेने की धमकी देते हुए दौड़ा भी दिया. सुशील को यह अपनी बेइज्जती लगी. उन्होंने कुख्यात नीरज बवाना और असौदा गिरोह के बदमाशों का सहारा लिया और हरियाणा से तमाम गुंडे बुलाकर उसी रात सागर और उसके दोस्तों को फ्लैट से उठाया और स्टेडियम ले जाकर पीटा. इसी में सागर की मौत हो गई.

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