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PM मोदी का बड़ा काम करने पाकिस्तान जाएंगे एस जयशंकर

15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में ये मीटिंग SCO सदस्यों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच होनी है. इस तरह की मीटिंग में आम तौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हिस्सा लेते हैं.

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SCO Summit Pakistan
विदेश मंत्री एस जयशंकर. (फाइल फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
4 अक्तूबर 2024 (Updated: 4 अक्तूबर 2024, 17:42 IST)
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विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाएंगे. ये मीटिंग SCO सदस्यों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच होनी है. इस तरह की मीटिंग में आम तौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हिस्सा लेते हैं. अगस्त महीने में पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस SCO मीटिंग के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन इस मीटिंग में प्रधानमंत्री के बदले विदेश मंत्री जाएंगे. 4 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एस जयशंकर पाकिस्तान में होने वाले SCO समिट के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में SCO राष्ट्राध्यक्षों की बैठक होनी है.

9 साल बाद विदेश मंत्री पाकिस्तान जाएगा

पिछले 9 सालों से भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान नहीं गया है. आखिरी बार दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गईं थीं. वहीं, अगस्त 2016 में आखिरी बार किसी भारतीय मंत्री ने पाकिस्तान में आयोजित बहुपक्षीय मीटिंग में हिस्सा लिया था. तब गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने SAARC देशों (साउथ एशियन असोसिएशन फ़ॉर रीजनल को-ऑपरेशन) के गृह मंत्रियों की बैठक के लिए इस्लामाबाद गए थे.

सितंबर 2016 में उरी आर्मी कैंप पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आयोजित किसी भी मीटिंग में हिस्सा लेने से मना कर दिया था. 2019 के पुलवामा हमलों ने दोनों देशों के रिश्ते और कड़वे कर दिए. इसके बाद से अब तक सिर्फ करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर भारत के दो मंत्री वहां गए थे.

एस जयशंकर का ये पाकिस्तान दौरा तब होने वाला है, जब पिछले कुछ सालों में आतंकवाद के मसले पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. बीती 30 अगस्त को जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ लगातार बातचीत का युग खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा था कि किसी भी एक्शन के परिणाम होंगे. विदेश मंत्री ने इस बात को भी दोहराया था कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते हैं.

क्या है SCO?

शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन 10 देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. साल 2001 में इसकी स्थापना किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान और उज्बेकिस्तान ने व्यापार और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए की थी. बाद में कई और देश जुड़ते चले गए. भारत और पाकिस्तान साल 2017 में इस संगठन के सदस्य बने थे.

इसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस हैं. बेलारूस संगठन का सबसे नया सदस्य है. जुलाई 2024 में वो संगठन का हिस्सा बना था. पिछले साल ईरान भी SCO का सदस्य बना था. इस संगठन में दुनिया की 40 फीसदी आबादी है.

2001 से ही हर साल सदस्य देशों के हेड ऑफ़ द स्टेट, हेड ऑफ़ द गवर्नमेंट और फ़ॉरेन मिनिस्टर्स की अलग-अलग बैठक आयोजित होती रही हैं. भारत के संदर्भ में समझना हो, तो राष्ट्रपतियों की बैठक, प्रधानमंत्रियों की बैठक और विदेश मंत्रियों की बैठक.

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