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'आतंकी नियम नहीं मानते तो हम क्यों... ', जयशंकर ने आतंकवाद रोकने का तरीका एक लाइन में बता दिया

S Jaishankar ने कहा- 'आतंकवादियों को ये नहीं लगना चाहिए कि वो सीमा पार हैं तो कोई उन्हें छू नहीं सकता.' उन्होंने बताया कि Pakistan से कैसे निपटना है ये मोदी सरकार अच्छे से जानती है.

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s jaishankar on pakistan terrorism they dont play with rules response cant have rules too rajnath singh
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो- आजतक)
13 अप्रैल 2024 (Updated: 13 अप्रैल 2024, 16:32 IST)
Updated: 13 अप्रैल 2024 16:32 IST
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एक बार फिर से आतंकवाद पर भारत की तरफ से सख्त बयान सामने आया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि जब आतंकवादी नियमों के हिसाब से नहीं चलते तो उन्हें जवाब देते वक्त भी नियम लागू नहीं किए जा सकते. हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों को मारने की बात कही थी. इसके बाद विदेश मंत्री का ये बयान आया है. 

12 अप्रैल को पुणे में एक इवेंट के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत सीमा पार से होने वाले किसी भी आतंकवादी कृत्य का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है. जयशंकर ने 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा,

उस वक्त सरकारी स्तर पर बहुत विचार-विमर्श के बाद कुछ भी सार्थक परिणाम नहीं निकला. ऐसा लगा कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत, उस पर हमला न करने से ज्यादा थी. अगर अब इसी तरह का हमला होगा और कोई उस पर प्रतिक्रिया नहीं देगा, तो इस तरह के अगले हमलों को कैसे रोका जा सकता है. आतंकवादियों को ये नहीं लगना चाहिए कि वो सीमा पार हैं तो कोई उन्हें छू नहीं सकता. आतंकवादी कभी नियम से नहीं चलते. ऐसे में प्रतिक्रिया के लिए भी कोई नियम नहीं हो सकता.

एस जयशंकर ने जोर देकर कहा कि 2014 के बाद से देश की विदेश नीति में बदलाव आया है और अब अलग तरह से आतंकवाद से निपटा जाता है. इवेंट के दौरान एस जयशंकर से उन देशों के बारे में पूछा गया जिनके साथ भारत को संबंध बनाकर रखना चुनौतीपूर्ण लगता है. उन्होंने जवाब दिया,

वो देश पाकिस्तान है और हमें खुद से ही सवाल करना चाहिए कि ऐसा क्यों है. इसका एक कारण हम हैं. अगर भारत शुरू से ही इस बात को लेकर स्पष्ट होता कि पाकिस्तान आतंकवाद में लिप्त है तो देश की नीति बहुत अलग होती. भारत को किसी भी हालत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.

एस जयशंकर आगे बोले,

2014 में मोदी जी आए, लेकिन आतंकवाद 2014 में शुरू नहीं हुआ. इसकी शुरुआत मुंबई हमले से नहीं हुई. यह 1947 में हुआ. 1947 में उन्होंने कश्मीर पर हमला किया. वो आतंकवाद था. आतंकवाद को कभी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.

बता दें कि पिछले दिनों ब्रिटिश अख़बार द गार्जियन की एक रिपोर्ट में भारत द्वारा पाकिस्तान में टारगेट किलिंग को अंजाम देने का दावा किया गया था. उसके बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टीवी चैनल न्यूज 18 से बातचीत के दौरान कहा,

'अगर कोई आतंकवादी पाकिस्तान भागने की कोशिश करता है, तो हम उसका पीछा करेंगे. और पाकिस्तान की सरजमीं पर भी उसे मार गिराएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सच कहते हैं. भारत में काफी क्षमता है. पाकिस्तान को ये बात समझनी होगी. भारत अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहता है. इतिहास उठाकर देख लो भारत ने कभी दूसरे देश पर हमला नहीं किया. अगर कोई भारत की जमीन पर आतंक फैलाने की कोशिश करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.'

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तब पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के बयान पर विरोध भी जताया था. पाकिस्तान ने भारत द्वारा किए गए हमले के सबूतों पर बात करते हुए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की मांग भी की. 

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