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'मोदी की चमक में लोगों की आवाज नहीं सुनी', RSS मुखपत्र में BJP पर कड़ा प्रहार

Loksabha Election 2024 में BJP को 240 सीटें ही मिलीं. इसको लेकर RSS ने अपने माउथपीस ‘ऑर्गनाइज़र’ में BJP पर तीखा हमला बोला है.

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RSS, Mohan Bhagwat, BJP
RSS ने अपने माउथपीस ‘ऑर्गनाइज़र’ में BJP पर तीखी टिप्पणी कर दी. (फोटो: PTI)
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रक्षा सिंह
12 जून 2024 (Updated: 13 जून 2024, 09:45 IST)
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने माउथपीस ‘ऑर्गनाइज़र’ में BJP पर तीखी टिप्पणी कर दी है. इसमें संघ ने लोकसभा चुनाव 2024 में BJP के ‘फेलियर’ की वजहें बताई हैं. गौरतलब है कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने चुनाव के दौरान 'अब की बार 400 पार' का नारा दिया था. लेकिन परिणामों में उसे अपने दम पर बहुमत भी हासिल नहीं हुआ. यानी पार्टी 272 सीटें नहीं ला पाई. उसके सांसदों की संख्या 240 पर ही रुक गई.

अब बीजेपी की इस परफॉर्मेंस पर RSS के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' में एक लेख छपा है. इसमें BJP के '400 पार' वाले नारे पर कटाक्ष किया गया है. RSS के सदस्य रतन शारदा ने इस लेख में कहा है,

“कोई भी लक्ष्य कड़ी मेहनत से हासिल होता है, न कि सोशल मीडिया पर पोस्टर और सेल्फी शेयर करने से. BJP नेता अपने बुलबुले में खुश थे. नरेंद्र मोदी की चमक का आनंद ले रहे थे, इसलिए वो सड़कों पर लोगों की आवाज सुन ही नहीं पाए.”

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election Results 2024: इन सीटों पर जाटों का गुस्सा BJP को रुला गया

आगे ये भी लिखा,

“हमारे ऊपर आरोप लगा कि RSS ने इस बार के लोकसभा चुनाव में BJP के लिए काम नहीं किया. इस पर मैं साफ-साफ बता दूं कि RSS बीजेपी की फील्ड फोर्स नहीं है. BJP दुनिया की इतनी बड़ी पार्टी है और उसके पास अपने कार्यकर्ता हैं. वोटर्स तक पहुंचना, पार्टी का एजेंडा समझाना और वोटर कार्ड बांटने जैसे चुनावी काम उसी की जिम्मेदारी है. RSS का काम है लोगों को जागरूक करना, जो उन्हें और देश को प्रभावित करते हैं.”

रतन शारदा लिखते हैं कि RSS ने साल 1973 से 1977 के दौर को छोड़कर आजतक सीधे राजनीति में हिस्सा नहीं लिया. वह एक अलग दौर था और उस चुनाव में लोकतंत्र की बहाली के लिए कड़ी मेहनत की गई थी. वहीं साल 2014 में RSS ने 100% वोटिंग के लिए लोगों को जागरूक किया था. इस अभियान के बाद वोटिंग पर्सेंटेज में काफी बढ़ोतरी हुई और सत्ता में बदलाव भी हुआ.

वहीं लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उन्होंने लिखा,

"इस बार RSS ने तय किया कि वो 10 से 15 कार्यकर्ताओं की छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करेंगे और लोगों से वोटिंग के लिए रिक्वेस्ट करेंगे. इसमें राष्ट्रहित से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा भी होगी. RSS ने ये बैठकें कीं भी.”

आखिर में RSS ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके फेलियर की एक बड़ी वजह ये भी है कि इसके चुने हुए सांसद और मंत्री ‘हमेशा बिज़ी’ रहते हैं. वो अपनी इलेक्टेड जगहों में कभी दिखाई ही 'नहीं' देते. उनसे मिलना किसी भी कार्यकर्ता और आम जनता के लिए असंभव हो जाता है. 

मुखपत्र के मुताबिक साल 2024 के लोकसभा चुनाव के रिजल्ट इस बात का संकेत भी हैं कि BJP को अपने तरीके में सुधार करने की बहुत जरूरत है. ये रिजल्ट्स कई लोगों के लिए एक बड़ा सबक हैं. कुल मिलाकर RSS ने पूरे लेख में लोकसभा चुनाव में BJP के प्रदर्शन को कमजोर बताया है.

वीडियो: क्या यूपी में BJP को 'संविधान बचाओ' के नारे ने हरा दिया?

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