उत्तराखंड के इस शहर में मुस्लिमों को अपनी दुकानें छोड़कर जाना पड़ा?
पुलिस का दावा है कि मामला एक नाबालिग को भगाने की कोशिश से जुड़ा है. और मुस्लिम समुदाय के किसी दुकानदार के साथ अभद्रता नहीं की गई.
उत्तराखंड का जिला उत्तरकाशी. यहां के पुरोला बाजार इलाके में बवाल मचा हुआ है. बीते दिनों दो युवक यहां के एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को कहीं ले जाते हुए देखे गए थे. हालांकि कुछ लोगों ने उन्हें रोक दिया. ये पूरी तरह साफ नहीं है कि वे लड़की को अगवा करके ले जा रहे थे या लड़की अपनी मर्जी से उनके साथ कहीं जा रही थी. इस बारे में स्थानीय लोगों और पुलिस के अपने-अपने दावे हैं. घटना के बाद से स्थानीय लोग और दुकानदार आक्रोश में हैं. इन लोगों ने ‘बाहरी’ दुकानदारों के खिलाफ सड़कों पर ढोल नगाड़े बजाकर जुलूस निकाला. अब खबर आ रही है कि 42 ‘बाहरी’ दुकानदार रातोंरात अपनी दुकानें छोड़कर चले गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दुकानदारों में से अधिकतर मुस्लिम समुदाय के थे. ये छोटे व्यवसायी थे, मसलन आइसक्रीम, साइकिल रिपेयरिंग, रजाई-रूई भरने और सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले.
क्या है पूरा मामला?उत्तरकाशी जिले में पुरोला नगर पंचायत है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार 26 मई को उवेद खान नाम का एक युवक और उसका साथी जितेंद्र सैनी, एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे. दावा है कि उसे शादी का झांसा दिया गया था.
इस घटना के बाद से पुरोला के स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा. और देखते ही देखते स्थानीय लोगों, दुकानदारों और इलाके के संगठनों ने पुरोला में बाहरी दुकानदारों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान मुस्लिम समुदाय की दुकानों के बोर्ड हटाने और शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी. इन प्रदर्शनों में भाजपा और संघ के लोग भी शामिल थे. इन्हीं प्रदर्शनों के बाद करीब 42 दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर चले गए.
आज तक से जुड़े ओंकार बहुगुणा की खबर के मुताबिक, बाहरी दुकानदारों के विरोध में पुरोला बाजार में लोकल दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं. इन लोगों का कहना था कि बाहरी लोग और दुकानदार यहां आकर व्यापार की आड़ में कई तरह के अपराध करते हैं. चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़े बजाते हुए पूरे इलाके में जुलूस निकाला और बाहरी दुकानदारों को पुरोला से बाहर निकालने की मांग की. लोगों के आक्रोश को देखते हुए व्यावसायिक संस्थानों, दुकानों और इलाके के होटल वगैरह बंद करवा दिए. और भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई. विरोध कर रहे लोग पुरोला उद्योग व्यापार मंडल के नेतृत्व में SDM देवानंद शर्मा के कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में भी समुदाय विशेष के ‘’अपराधी किस्म के लोगों'' की दुकानें, बाजार से हटाने की मांग की गई.
पुलिस ने क्या कहा?वहीं उत्तरकाशी जिले के SP अर्पण यदुवंशी का कहना है कि पूरे मामले में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. जांच जारी है. ये भी कहा कि पुरोला में शांति है. स्थितियां नियंत्रण में हैं. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय के किसी व्यापारी के साथ अभद्रता नहीं की गई है, ना ही किसी को भगाया गया. जो दुकानें बंद थीं, वो भी अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं.