पाकिस्तान. पुलिस अपनी जीप में भरके तीन आतंकवादियों को लेकर जा रही थी. जब वोलाहौर के किनारे पहुंचे तो उन लोगों पर कुछ और आतंकवादियों ने हमला कर दिया. वो कुछसात या आठ लोग थे. इस दौरान चली गोलियों में जीप में मौजूद चार आतंकी मर गए. इन चारमें तीन वो थे, जिन पर 2009 में श्री लंका की टीम पर हमला करने के आरोप लगे थे.पुलिस ने एक स्टेटमेंट इशू करके ये बातें पब्लिक को बताईं. 3 मार्च 2009. आज भीबहुत अच्छे से याद है, उस दोपहर 2 बजे से मेरा बारहवीं के बोर्ड का अंग्रेजी कापर्चा था. लेकिन हाय ये टीवी का प्रेम! कुछ 10 बजे के आस-पास टीवी चला दिया और मिलीदनदनाती न्यूज़. पाकिस्तान में श्री लंका की टीम पर अटैक हो गया था! अंग्रेजी का डरकिनारे हो गया और देखने लगे न्यूज़. हर जगह वही खबर. 12 आतंकी श्री लंका की टीम बसपर गोली-बन्दूक के साथ पिल पड़े. पाकिस्तान के वक़्त के अनुसार सुबह 8 बजकर 39 मिनटपर बस पर गोलियों की बौछार शुरू हो गयी. वो तो भला हो बस के ड्राइवर मेहर मोहम्मदखलील का जो गोलीबारी के बावजूद लगभग 500 मीटर तक बस को चलाते गए. ऐसा करने से बस उसजगह पहुंच गयी जहां से आतंकी सीधे बस पर गोली नहीं चला पा रहे थे. हालांकि इस पूरेदौरान मेहर मोहम्मद सीधे गोलियों के सामने थे. बस पर आतंकवादियों ने एक ग्रेनेड भीफेंका. लेकिन किस्मत अच्छी थी कि वो तब फटा जब बस उसके ऊपर से गुज़र कर आगे निकलचुकी थी. https://www.youtube.com/watch?v=SWXXg-vw0k0 बस के पीछे चल रही मिनीवैनमें अम्पायर साइमन टॉफ़ेल, स्टीव डेविस, नदीम गौरी, अहसान रज़ा और क्रिस ब्रॉड मौजूदथे. उस वैन पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरस रही थीं. वैन में कुछ सिक्यूरिटी ऑफिसर भीमौजूद थे. गोलियां चलते ही वो भाग गए और 20 मिनट तक आतंकियों के जवाब में उन्होंनेगोलियां ही नहीं चलायीं. अम्पायर अहसान रज़ा को दो गोलियां लगीं. वैन में क्रिसब्रॉड ने उनकी मदद की. वो वैन की एक साइड से कूद कर दूसरी ओर पहुंचे और अहसान कीछाती पर प्रेशर देकर खून रोकने की कोशिश की. ये सारा कार्यक्रम मैदान के आस-पास लगेसीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ. उनमें साफ़-साफ़ कई आतंकियों को ऑटोमेटिक हथियारों औरपीठ पर लदे बस्तों के साथ देखा गया. बाद में वो मोटरसाइकिल से भाग निकले. श्री लंकाकी टीम के किसी भी मेंबर को ख़ास चोट नहीं आई. महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा कोहल्की चोटें आईं. साथ ही अजंता मेंडिस, समरवीरा और थरंगा परावितर्ना को बम फटने सेनिकलने वाले टुकड़ों से चोटें आईं. लंकाई टीम को गद्दाफ़ी स्टेडियम से ही सीधे उनकेदेश रवाना कर दिया गया. स्टेडियम के बीचों-बीच उतरने वाले हेलीकॉप्टर और उसमें चढ़तेप्लेयर्स की तस्वीर आज भी क्रिकेट के इतिहास की सबसे काली तस्वीरों में से एक है.-------------------------------------------------------------------------------- ये भी पढ़ें:पाकिस्तान में वसीम अकरम ने खुद पूछा है कि ये लड़का कहां हैशाहिद अफरीदी: मैदान पर भरपूर मनोरंजन करने वाला दुर्लभ पाकिस्तानी क्रिकेटरडीबी देवधर: संस्कृत का वो प्रफेसर जिसने 49 साल की उम्र में भी डबल सेंचुरी मारीथी