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थाने में रखे सबूतों को चूहे 'खा' गए, हाई कोर्ट ने ऐसी फटकार लगाई कि पुलिस वाले याद रखेंगे

Indore के DCP ने अदालत को बताया कि जिन बोतलों में विसरा रखा गया था, वो प्लास्टिक के डिब्बे थे. बरसात के मौसम में चूहों ने उन्हें खराब कर दिया था. और इस वजह से जांच के लिए जरूरी रिपोर्ट नहीं मिल पाई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 28 अन्य सैंपल्स को भी चूहों ने बर्बाद कर दिया.

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Indore Police
चहों ने थाने में रखे सबूत बर्बाद कर दिए. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
11 अक्तूबर 2024 (Published: 09:28 IST)
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने इंदौर पुलिस को फटकार लगाई है. क्योंकि पुलिस ने दावा किया कि गैर इरादतन हत्या के एक मामले में महत्वपूर्ण सबूतों सहित 29 सैंपल्स को चूहों ने बर्बाद कर दिया. कोर्ट ने सवाल उठाया कि जांच के दौरान जमा किए सबूतों को थाने में किस दयनीय स्थिति में रखा जाता है. सबूत गायब होने का मामला तब सामने आया, जब अदालत में अंसार अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े आनंद मोहन जे की रिपोर्ट के अनुसार, अंसार पर अगस्त 2021 में अपनी पत्नी ताहिरा बी को डंडे से पीटने का आरोप लगा था. पीड़िता के सिर, हाथ और रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया.

4 अक्टूबर को जोन 2 के DCP अभिनय विश्वकर्मा, विजय नगर SHO चंद्रकांत पटेल के साथ अदालत में पेश हुए. और चूहों द्वारा सबूत नष्ट करने के संबंध में सवालों के जवाब दिए. 

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान की संसद में चूहों का ओलंपिक्स, फाइलें काटने का कंपटीशन, लाखों रुपये का इनाम!

प्लास्टिक की बोलतों में रखा था सैंपल

DCP ने अदालत तो बताया कि जिन बोतलों में विसरा रखा गया था, वो प्लास्टिक के थे. बरसात के मौसम में चूहों ने उन्हें खराब कर दिया था. और इस वजह से जांच के लिए जरूरी हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट नहीं मिल पाई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 28 अन्य सैंपल्स को भी चूहों ने बर्बाद कर दिया.

जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि उनके विचार से संबंधित पुलिस अधिकारियों को जांच के दौरान जब्त सामग्री की सुरक्षा करनी चाहिए. इसके लिए सभी जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, अब इस मामले में कुछ नहीं किया जा सकता. लेकिन कम से कम इस घटना से पुलिस थाने की उस दयनीय स्थिति का पता चला है, जिसमें जांच के दौरान सबूतों को रखा जाता है.

'पुलिस थानों की स्थिति दयनीय'

अदालत ने कहा कि कोई भी इस बात का अनुमान लगा सकता है कि छोटी जगहों पर पुलिस थानों की स्थिति क्या होगी. इस मामले में ये पुलिस स्टेशन तो इंदौर शहर के सबसे व्यस्त पुलिस थानों में से एक है. हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि वो सभी पुलिस थानों के मालखाने का जायजा लें, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो.

DCP ने अदालत को बताया कि इस चूक के लिए मालखाना प्रभारी और SHO के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने ये भी कहा कि मालखाने में रखी वस्तुओं को अब दूसरे कमरे में रखा गया है. साथ ही कमरे को साफ करने और सील करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती गई है.

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