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राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल के नाम बदले गए, नए नाम क्या हैं?

Rashtrapati Bhavan के दरबार हॉल में पुरस्कार वितरण और अशोल हॉल में राजकीय भोज का आयोजन होता है.

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Rashtrapati Bhavan
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु. (फाइल फोटो- PTI)
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सौरभ
25 जुलाई 2024 (Published: 17:06 IST)
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राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम बदल दिए गए है. 25 जुलाई को दरबार हॉल का नाम बदल कर 'गणतंत्र मंडप' कर दिया गया. वहीं अशोक हॉल को अब 'अशोक मंडप' कहा जाएगा. राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है,

“राष्ट्रपति भवन को लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे प्रयास लगातार किए जा रहे हैं कि राष्ट्रपति भवन का परिवेश और माहौल भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रतिबिंब बने. इसलिए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की इच्छानुसार राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल, 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम बदलकर क्रमशः'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिए गए हैं.”

रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन देश के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास है. इसे राष्ट्र का प्रतीक और देश की अमूल्य विरासत माना जाता है. दरबार हॉल, जो अब गणतंत्र मंडप हो गया है, में राष्ट्रीय पुरस्कारों के वितरण जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का आयोजन होता रहा है.

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया है,

"दरबार शब्द का आशय भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है. लेकिन भारत के गणतंत्र बनने के बाद, दरबार शब्द की प्रासंगिकता खत्म हो गई. 'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस स्थल के लिए उपयुक्त नाम है."

'अशोक हॉल' की बात करें तो मूल रूप से यह एक बॉलरूम था. राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी मेहमानों के लिए राष्ट्रपति द्वारा आयोजित राजकीय भोज अशोक हॉल में ही आयोजित होता है. यात्रा पर आए हुए मेहमानों और भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए औपचारिक परिचय के लिए अशोक हॉल उपयुक्त जगह मानी जाती है.

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया,

"अशोक' शब्द का अर्थ है कोई ऐसा व्यक्ति जो 'सभी दुखों से मुक्त' हो या 'किसी भी दुख से रहित' हो. साथ ही, 'अशोक' का तात्पर्य सम्राट अशोक से है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक हैं. भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह स्तंभ है. यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है. 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आएगी और अंग्रेजीकरण के निशान मिटेंगे. साथ ही 'अशोक' शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को भी कायम रखा जाएगा."

इससे पहले राष्ट्रपति भवन के विश्व प्रसिद्ध 'मुगल गार्डन' का नाम भी बदला जा चुका है. पिछले साल 28 जनवरी को 'मुगल गार्डन' का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया गया था.

वीडियो: मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' हुआ, जानिए क्या है इतिहास

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