GITN: फूड रियलिटी शो में ड्रामा का तड़का क्यों? शेफ रणवीर बरार ने वजह बता दी
"मैं अपना काम कर रहा हूं. मैं (बतौर जज) खाने पर झूठ थोड़ी बोलूंगा."
द लल्लनटॉप के ख़ास शो गेस्ट इन द न्यूज़रूम (GITN) में अगले मेहमान हैं सेलिब्रिटी शेफ रणवीर बरार. गुरुद्वारे में खाना बनाने का गुण सीखने वाले रणवीर प्रधानमंत्री तक के लिए खाना बना चुके हैं. उन्होंने GITN में हमसे खूब सारी बातचीत की और मज़ेदार किस्से सुनाए.
शेफ आए और सबसे ज्यादा बात खाने की ना हो, ऐसा तो नहीं हो सकता. हालांकि, एक और पहलू है, जिसपर रणवीर ने हमें अपनी राय दी. हमने रणवीर से पूछा कि फूड से रिलेडिट टीवी शो क्या स्क्रिप्टेड होते हैं? इनमें इतना ड्रामा क्यों जोड़ दिया गया है? इस पर रणवीर ने कहा,
'खाना किसी डांस या म्यूजिक शो से इतर पर्सनल एक्सपीरियंस हो जाता है. आप डांस देखते हैं और एक फैसला अपने दिमाग में करते हैं. कुकिंग शो की सबसे बड़ी समस्या ये है कि चखने वाला सिर्फ एक है. और आपको उसकी बात पर यकीन करना होता है. इसका और कोई तरीका नहीं है, किसी और को वो एक्सपीरियंस करवाने का.
आप इसमें प्रोसेस से ज्यादा जुड़ते हैं. सिंगिंग रियलिटी शो में रियाज़ नहीं दिखाया जाता. डांस रियलिटी शो में रिहर्सल उतना नहीं दिखाया जाता. सिर्फ परफॉर्मेंस दिखाया जाता है. यहां (कुकिंग शो पर) परफॉर्मेंस तो एक प्लेट पर आ गया (डिश के तौर पर), तो शो कैसे बनेगा. इसलिए आपको प्रोसेस दिखाना पड़ता है. इसमें अलग-अलग व्यक्तित्व सामने आते हैं. पर हमें उनके व्यक्तित्व को जज नहीं करना है.
हमें खाने को जज करना है. यही चीज़ इस फॉर्मेट की स्ट्रेंथ बन गई है. अब लोग (किसी के) व्यक्तित्व से अटैच हो जाते हैं. प्रोसेस पर इतना फोकस रहता है कि लोग अटैच हो जाते हैं. आपका फेवरेट कंटेस्टेंट है, और उसने खाना अच्छी नहीं बनाया है, तो भी आपको मेरी (यानी जज की) बात पर ही ऐतबार करना होगा.'
रणवीर ने आगे बताया, क्यों ऐसे शो में ड्रामा डाला जाता है.
'आप बड़ी मेहनत करके आए हैं, और आप सेमीफाइनल में फंस गए हैं. आपकी एक डिश थोड़ी कमतर रह गई और बाकियों ने बेहतर बना दिया, तब आप फंस गए. उसका दुख हमें भी होता है, पर ये फॉर्मेट का हिस्सा है, जो ऐसे शो की स्ट्रेंथ औऱ कमजोरी, दोनों हैं.
अगर लोग कह रहे हैं कि पक्षपात हो रहा है तो अच्छा है. इसका मतलब है कि लोग कैरेक्टर्स से, किसी के व्यक्तित्व से कनेक्ट हो रहे हैं. मैं अपना काम कर रहा हूं. मैं (बतौर जज) खाने पर झूठ थोड़ी बोलूंगा.
ड्रामा डिमांड की वजह से डाला जाता है. द लल्लनटॉप जैसे चैनल्स बहुत कम हैं. टीवी न्यूज़ पर पूरा स्क्रीन हिल जाता है आजकल. ये दर्शाता है कि हमारा समाज कैसा है. मैं न्यूज़ चैनल्स नहीं देखता. न्यूज़ में वो अग्रेशन और ड्रामा दिखाता है जो या तो हम में है, या हमारे जिंदगी से मिसिंग है.'
रणवीर बरार का ये ख़ास इंटरव्यू आप जल्द ही 'द लल्लनटॉप' के ऐप और यूट्यूब चैनल पर देखेंगे.
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