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एंटीबायोटिक्स लगने पर 7 साल की बच्ची को लगा एनाफिलेक्टिक शॉक, मौत हो गई, जानिए ये होता क्या है?

Rajasthan के Bundi जिले में एक प्राइवेट क्लिनिक में Antibiotics इंजेक्शन लगाने के चलते एक बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने क्लिनिक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

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rajasthan bundi 7 year boy died of allergic reaction
राजस्थान के बूंदी में इंजेक्शन लगाने के चलते एक बच्चे की मौत हो गई. (सांकेतिक तस्वीर, इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
11 अक्तूबर 2024 (Published: 09:45 IST)
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राजस्थान के बूंदी (Rajasthan Bundi) में एक प्राइवेट क्लिनिक में इंजेक्शन लगाने के बाद एक सात साल के बच्चे की मौत हो गई. मृतक बच्चे के परिवार ने क्लिनिक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. और डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया. इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए डॉक्टर ने बताया कि लड़के की मृत्यु एलर्जी की वजह से हुई थी. जिसके बारे में उसकी मां ने इलाज के दौरान नहीं बताया था.  वहीं पुलिस ने बताया कि एक रिटायर्ड बाल रोग विशेषज्ञ के क्लिनिक में एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की जान चली गई.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के बूंदी जिले के कानाहेड़ा गांव के कुंज मीना को बुखार, खांसी और सर्दी की शिकायत थी. जिसके बाद 10 अक्टूबर  को उसको बूंदी स्थित डॉक्टर के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया था. बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केसी गगरानी ने बताया कि उन्होंने बच्चे की मां को पर्चे पर दवाई लिख कर दी. लेकिन उन्होंने इंजेक्शन देने को कहा. जिसके बाद उनके स्टाफ ने एंटीबायोटिक्स (सीफेरिक्सोन) की सामान्य खुराक दी. हालांकि इंजेक्शन देने के तुरंत बाद लड़के के मुंह से झाग निकलने लगा. वह बेहोश हो गया. और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

डॉक्टर केसी गगरानी ने बताया कि उन्होंने अपने 40 साल के मेडिकल करियर में एनाफिलेक्टिक शॉक का यह दूसरा मामला देखा है. पहला मामला 1980 में तलेरा के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा था. उन्होंने बताया कि किसी को एनाफिलेक्टिक शॉक से बचाना काफी असंभव है.

ये भी पढ़ें - डिलिवरी कराने के लिए महिला को दिए 8 इंजेक्शन, फिर ऑटो में गड्ढे वाली सड़क पर घुमाया, बच्चे की मौत

डॉक्टर गगरानी ने आगे बताया, 

लड़के की हालत बिगड़ने के बाद उसकी मां ने तीन दिन पहले अपने गांव में इंजेक्शन दिए जाने के बाद हुई एलर्जी के बारे में उन्हें बताया. इंजेक्शन के चलते बच्चे की त्वचा पर रिएक्शन हुआ. और यही मौत का कारण हो सकता है. अगर बच्चे की मां ने इंजेक्शन के बारे में पहले ही बता दिया होता तो मैं एंटीबायोटिक्स की खुराक नहीं देता.

इस मामले को लेकर बूंदी सिटी पुलिस स्टेशन के SHO तेजपाल ने बताया कि लड़के की मां की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 194 के तहत संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया गया है.

एनाफिलेक्टिक शॉक क्या होता है?

हेल्थलाइन वेबसाइट के मुताबिक, एनाफिलेक्टिक शॉक एक दुर्लभ लेकिन गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया है. यह अक्सर भोजन, कीड़े के काटने या कुछ दवाओं से एलर्जी के कारण होता है. एनाफिलेक्टिक शॉक में मरीज का ब्लड प्रेशर इतना कम हो जाता है. कि सेल(कोशिकाओं) और दूसरे अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. एनाफिलैक्टिक शॉक एनाफिलैक्सिस के कारण होता है. एनाफिलैक्सिस में इम्यून सिस्टम केमिकल्स की बाढ़ ला देती है जो शरीर को शॉक में डाल देती है. ब्लड प्रेशर अचानक कम हो जाता है. और सांस अवरुद्ध हो जाती है. एनाफिलैक्सिस का तुरंत एपिनेफ्रीन के इंजेक्शन से इलाज किया जाना चाहिए. अगर इसका तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो यह जानलेवा हो सकता है.

वीडियो: सेहत: ये इंजेक्शन पिघला देता है शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी, जल्द होगा भारत में!

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