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बिहार से 500-500 रुपए में बच्चे खरीदे, 18 घंटे काम करते थे, कहानी जान दिल पसीज जाएगा

जयपुर से रेस्क्यू किए गए 22 बच्चे दिन-रात क्या काम करते थे?

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22 children from Bihar rescued in Jaipur, were forced to do child labour
बिहार से बच्चे खरीदे और जयपुर में जाकर फैक्ट्री में बंद कर दिया (फोटो- आजतक)
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प्रशांत सिंह
16 जून 2023 (Updated: 16 जून 2023, 11:56 IST)
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राजस्थान के जयपुर (Jaipur) स्थित भट्टाबस्ती इलाके से पुलिस ने 22 बच्चों को रेस्क्यू किया है. आजतक की खबर के मुताबिक इन बच्चों से जबरन बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. इनसे महंगे गहने बनवाए जाते थे. जानकारी ये भी है कि इन बच्चों को 500-500 रुपए में खरीदा गया था.

आजतक से जुड़े विशाल शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक भट्टाबस्ती इलाके से पुलिस ने 12 जून के दिन 9 से 16 साल की उम्र के बच्चों को रेस्क्यू किया. इन बच्चों से दिन में 18-18 घंटे काम करवाया जाता था. इतना ही नहीं खाने के नाम पर इन्हें सिर्फ खिचड़ी दी जाती थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिन बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, वो सभी बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं.

11 बच्चे कुपोषित

भट्टाबस्ती इलाके से रेस्क्यू किए गए बच्चों को शाहनवाज उर्फ गुड्डू नाम का एक शख्स बिहार से खरीद कर लाया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक गुड्डू कथित तौर पर इन बच्चों को उनके माता-पिता से महज 500-500 रुपए में खरीद कर लाया था. इनसे सुबह 6 बजे से लेकर रात 11 बजे तक काम करवाया जाता था. बच्चे लाखों रुपए के गहने बनाने का काम करते थे. बच्चों से इस दयनीय स्थिति में जबरन काम कराने में शाहनवाज की पत्नी भी शामिल है.

आजतक के मुताबिक मामला सामने आया तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. पुलिस की टीम बच्चों के रेस्क्यू के लिए पहुंची तो शाहनवाज और उसकी पत्नी मौके से फरार हो गए. पुलिस की टीम ने सभी बच्चों को वहां से रेस्क्यू किया. इसके बाद बच्चों का मेडिकल कराया गया. जांच सामने आई तो 11 बच्चे कुपोषित पाए गए. इन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ये भी जानकारी सामने आई है कि इन बच्चों को कई दिनों तक नहाने नहीं दिया जाता था. जिससे इन बच्चों को बीमारियां हो गईं.  

लोहे की रॉड से बच्चों को मारते थे

पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि 9 साल के एक बच्चे को पीटा भी गया था. चूड़ी बनाने में मोती सीधे नहीं लगे तो आरोपी ने उसे लोहे की रॉड से मारा और फिर छाती पर लातें मारीं. इस कारण बच्चे की पसलियां सूज गईं.

कैसे पता लगा बच्चों के बारे में?

12 जून के दिन भट्टाबस्ती इलाके के एक मकान से बच्चों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं. तभी पड़ोस के कुछ लोगों ने इसकी जानकारी ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ नाम की संस्था तक पहुंचाई. संस्था के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने मामला सामने आते ही पुलिस को सूचित किया. जिसके बाद पुलिस की टीम और संस्था के लोगों ने मिलकर घर पर रेड मारी. पुलिस के मुताबिक आरोपी शाहनवाज और उसकी पत्नी अभी फरार हैं. दोनों की तलाश के लिए पुलिस की टीमों को लगाया गया है. 

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