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सिलेंडर, खंभा, 'डेटोनेटर'... रेल पटरियों पर मिली थीं 'साजिश' की ये चीजें, जांच में कहानी तो कुछ और निकली!

Railway Track पर अलग-अलग चीज़ों के मिलने की घटनाओं की ख़बर आप तक पहुंची ही होगी. इसे लेकर कई तरह के दावे भी किए गए. हम बताएंगे कि इन घटनाओं की जांच में क्या पता चला?

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पिछले दिनों रेल पटरियों पर कई तरह की चीजें पाई गईं. (सांकेतिक फोटो)
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हरीश
25 सितंबर 2024 (Published: 15:02 IST)
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हालिया एक-दो महीनों से आप कुछ खबरें लगातार सुन रहे होंगे. रेल पटरियों पर कई तरह की चीजों (Railway Track Obstacles) के पड़े होने की खबरें. मसलन, गैस के सिलेंडर, लोहे का खंभा, फिश प्लेट, रेलवे डेटोनेटर और लोहे के सरिये, लकड़ी का बड़ा टुकड़ा इत्यादि अनादि. जब इस तरह के मामले सामने आए, तो तरह-तरह की बातें होने लगीं. कुछ लोगों ने इसे 'ट्रेन पलटाने की साज़िश' बताया, तो कुछ लोगों ने कहा कि आतंकवादी देश में डर का माहौल क्रिएट करने के लिए नए हथकंडे अपना रहे हैं. इधर, इन घटनाओं की जांच में अलग-अलग तरह की बातें सामने आई हैं.

किसी जांच में पता चला कि कुछ शराबी खंभा बेचने के लिए ले जा रहे थे, तो कहीं वाहवाही लूटने और पुरस्कार पाने की नीयत से रेलवे के कर्मचारियों ने ही ट्रैक पर सामान रख दिए. हम नीचे कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.

फ़ेमस होने के लिए रखे लकड़ी के टुकड़े

24 अगस्त को ख़बर आई कि देर रात कुछ अज्ञात लोगों ने पटरी पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रख दिया. पटरी पर रात क़रीब 11 बजे कासगंज से चलकर फर्रुखाबाद की तरफ़ जा रही ट्रेन को गुज़रना था. घटना भटासा हॉल्ट के पास स्थित रेल लाइन की बताई गई. जब जांच हुई, तो पता चला दो शराबियों ने पटरी पर लकड़ी का ये टुकड़ा रखा था. पुलिस ने बताया कि ये लोग ट्रेन को पलटाकर फ़ेसम होना चाहते थे.आरोपियों की पहचान देव सिंह राजपूत और मोहन कश्यप के रूप में हई. बताया गया कि कुछ लोगों ने टूटे हुए आम के पुराने पेड़ को वहां रखा था. इसी को दोनों नशे में ट्रैक पर ले गए. घटनास्थल से शराब की बोतल भी मिली थी.

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कानपुर में ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखा मिला

ऐसी ही एक घटना की खबर 9 सितंबर को उत्तर प्रदेश के ही कानपुर से आई. यहां ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखा मिला. बताया गया कि कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साज़िश की गई. ये ट्रेन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हरियाणा के भिवानी जा रही थी. ट्रेन कानपुर के शिवराजपुर में पटरी पर रखे LPG सिलेंडर से टकरा गई और फिर रुक गई. हालांकि, घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ. जांच के दौरान पास की झाड़ियों में पुलिस को सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद जैसी कोई चीज मिली. मामले में 12 लोगों को अरेस्ट किया गया. SIT की टीम बनाई गई. बाद में जांच में NIA की एक टीम भी शामिल हुई. हालांकि, मामले में ACP (लॉ एंड ऑर्डर) हरीश चंदर ने बताया कि इस निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी कि इसके पीछे आतंकवादी समूह हैं या नहीं, क्योंकि पुलिस किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर सकती. फिलहाल जांच जारी है.

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नशे में ट्रैक पर खंभा छोड़कर भागे

उत्तर प्रदेश के ही रामपुर ज़िले में 'ट्रेन पलटाने की कथित साज़िश' का एक और मामला सामने आया. 18 सितंबर को रुद्रपुर सिटी और बिलासपुर (छत्तीसगढ़ वाला नहीं) रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर 6 मीटर लंबा लोहे का खंभा पड़ा मिला था. लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ. जब जांच हुई, तो पता चला कि संदीप और टिंकू अक्सर उसी रास्ते से शराब पीने जाते थे. घटना वाले दिन भी यही हुआ. ज़मीन ऊबड़-खाबड़ थी, ऐसे में वो जैसे-तैसे खंभा लेकर भाग रहे थे. उसी समय उन्होंने ट्रेन का हॉर्न सुना और खंभा छोड़कर भाग गए. उनका इरादा ट्रेन पलटाना नहीं था. पूछताछ के दौरान, दोनों ने खंभा चुराने, नशे की लत को पूरा करने के लिए इसे बेचने और ट्रेन को आते देख मौक़े से भागने की बात स्वीकार ली. मामले में पुलिस ने ट्रेन पलटाने की किसी साज़िश होने की आशंका से परहेज किया.

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इनाम पाने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने की तोड़फोड़

एक मामला गुजरात के सूरत ज़िले का है. यहां 20 सितंबर को रेलवे ट्रैक पर तोड़फोड़ की गई. जांच हुई, तो जानकारी सामने आई कि रेलवे के तीन कर्मचारियों ने तोड़फोड़ की झूठी कहानी रची थी. ये दुर्घटना टालने के लिए वाहवाही लूटने और पुरस्कार पाने की नीयत से की गई घटना थी, जिसमें इन लोगों ने ट्रैक के कुछ हिस्से हटा दिये. वीडियो और तस्वीरें लीं. फिर फिश प्लेट और हटाए गए दूसरे हिस्सों को वापस लगा दिया. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. इनमें सुभाष पोद्दारा और मनीष मिस्त्री ट्रैकमैन, जबकि तीसरा आरोपी शुभम जायसवाल कांट्रैक्ट वर्कर है.

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10 रेलवे डेटोनेटर फटे

एक मामला 22 सितंबर को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पटरियों पर 10 डेटोनेटर फटने का सामने आया. इसके चलते अधिकारियों को 'सेना की एक स्पेशल ट्रेन' को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि डेटोनेटर रेलवे के लिए हानिकारक नहीं होते. घटना 18 सितंबर, 2024 को भुसावल मंडल के नेपानगर और खंडवा स्टेशनों के बीच सागफाटा के पास हुई. इसको लेकर मध्य रेलवे के चीफ़ पब्लिक रिलेशन अफ़सर स्वप्निल नीला ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया,

जांच की जा रही है. जो डेटोनेटर फटे थे, वो रेलवे द्वारा दिए गए थे और उनका इस्तेमाल रेगुलर ऑपरेशन के तहत किया जाता है. इन डेटोनेटरों को क्रैकर्स कहा जाता है और जब ये फटते हैं, तो तेज आवाज होती है. जो आगे किसी बाधा, कोहरे या धुंध का संकेत होता है. उन्हें पटरियों पर रखने की कोई ज़रूरत नहीं थी, इसलिए RPF इसकी गहन जांच कर रही है. 

अगले दिन, 23 सितंबर को इन डेटोनेटर्स को चुराने के आरोप में एक रेलवे कर्मचारी को ही हिरासत में लिया गया. नाम साबिर, जो एक मेट है - जो गैंगमैन से एक रैंक ऊपर होता है - और पटरियों पर गश्त करता है.

वीडियो: रेलवे की पटरी पर पटरी पर फिश प्लेट, पैडलॉक रखने वाले कौन हैं?

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