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'खाली' घूम रही वंदे भारत ट्रेन, रेलवे अब ये बड़ा ऐलान करने वाला है?

वंदे भारत ट्रेन के वो कौन से रूट्स हैं जिनपर ये ऐलान हो सकता है?

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Fares may lower for Vande Bharat Expresses on short routes.
वंदे भारत ट्रेनों का किराया हो सकता है कम. (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)
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प्रज्ञा
6 जुलाई 2023 (Updated: 6 जुलाई 2023, 13:04 IST)
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रेल मंत्रालय वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) का किराया कम करने पर विचार कर रहा है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, मंत्रालय उन रूट्स की समीक्षा कर रहा है जिस पर ज्यादा किराया होने की वजह से कम लोग यात्रा कर रहे हैं.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुछ ट्रेनों को छोड़ कर ज्यादातर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई चल रही हैं. जिन रूट्स पर ज्यादा यात्री नहीं बैठ रहे हैं, वहां किराया कम किया जा सकता है. इसके अलावा भी कई और ट्रेनों का किराया कम होने की संभावना जताई जा रही है.

किन रूट्स पर कम लोग बैठ रहे हैं?

जून के महीने में भोपाल-इंदौर वंदे भारत ट्रेन केवल 29 फीसदी ही भरपाई. यानी 71 फीसदी सीटें खाली रहीं. जबकि इंदौर-भोपाल की वापस यात्रा में औसतन केवल 21 फीसदी लोग ही ट्रेन में चढ़े. दोनों शहरों के बीच करीब 3 घंटे की दूरी है. इसमें एसी चेयरकार का टिकट 950 रुपये का है. वहीं एक्जीक्यूटिव चेयरकार का टिकट 1,525 रुपये का है.

यही हाल भोपाल-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का भी है. इसमें भोपाल से जबलपुर जाते समय औसतन करीब 32 फीसदी लोग सफर कर रहे हैं. वहीं जबलपुर से भोपाल आने वाली वंदे भारत में करीब 36 फीसदी. साढ़े चार घंटे के इस सफर के दौरान ट्रेन में एसी चेयरकार का टिकट 1,055 रुपये है. वहीं एक्जीक्यूटिव चेयरकार का किराया 1,880 रुपये. वापसी में इसका किराया थोड़ा कम है. जबलपुर से भोपाल में एसी चेयर कार का किराया 955 तो एक्जीक्यूटिव चेयर कार का 1,790 रुपये है.

नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत ट्रेन में भी काम लोग चढ़ रहे हैं. नागपुर से बिलासपुर जाने वाली ट्रेन में करीब 55 फीसदी लोग सफर कर रहे हैं. इसमें नागपुर से बिलासपुर जाने में लगभग साढ़े पांच घंटे का समय लगता है. इस ट्रेन में एसी चेयरकार का किराया 1,075 रुपये है. वहीं एक्जीक्यूटिव चेयरकार के लिए 2,045 रुपये देने होते हैं. मई के बाद कम लोगों के सफर करने के चलते इसकी जगह तेजस एक्सप्रेस चलाई गई थी.

कैसे ज्यादा लोग चढ़ेंगे?

वंदे भारत ट्रेनों की सबसे लंबी यात्रा लगभग 10 घंटे की है. वहीं सबसे छोटी करीब 3 घंटे की. रेल विभाग ने अपनी समीक्षा में पाया कि 2 से 5 घंटे की दूरी वाली ट्रेनों का किराया कम करने पर, उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है. यानी तब ज्यादा से ज्यादा लोग इन ट्रेनों से सफर करेंगे. उम्मीद है कि इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर और नागपुर-बिलासपुर एक्सप्रेस जैसी वंदे भारत ट्रेनों का किराया कम हो सकता है. 

बता दें कि अभी तक देश में कुल 46 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई गई हैं. ये 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही हैं.  

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