"PM मोदी आगे बढ़ो, हम आपके साथ हैं"- राहुल गांधी का ये कौन सा ट्वीट वायरल हो गया?
महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी का एक ट्वीट वायरल हो गया है. इसमें उन्होंने PM मोदी को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही थी. साथ ही प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा था.
संसद का विशेष सत्र (Special Session of Parliament) 18 सितंबर से शुरू हो गया है. इस बीच खबर आ रही है कि केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) को मंजूरी दे दी है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बिल के इतिहास के बारे में पोस्ट किया. साथ ही उन्होंने 2018 में लिखे गए राहुल गांधी के एक पत्र को भी रीपोस्ट किया. ये पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया था. इसे शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा था,
वायरल है राहुल गांधी का ट्वीट"हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे महिला सशक्तिकरण के योद्धा हैं. उनके पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठने, वे जो कहते हैं उसे पूरा करने और संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने का समय आ गया है. कांग्रेस इसके लिए उन्हें बिना शर्त समर्थन देने का प्रस्ताव रखती है."
राहुल गांधी का ये ट्वीट अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गया है. इस ट्वीट के साथ जुड़े पत्र में राहुल ने इसके भाजपा के समर्थन से राज्यसभा में पारित होने का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने महिला आरक्षण विधेयक को एतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया था. अरुण जेटली उस समय विपक्ष के नेता थे. राहुल गांधी ने इस पत्र में आगे लिखा,
“महिलाओं को सशक्त बनाने के मुद्दे पर हम सब पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठ, एक साथ खड़े हों. भारत को ये संदेश दें कि हमारा मानना है कि बदलाव का समय आ गया है.”
जयराम रमेश ने BJP पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
संसद में भी उठा महिला आरक्षण का मुद्दा"कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी."
महिला आरक्षण का मुद्दा संसद के विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही में भी उठाया गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'संविधान सभा से शुरू 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख' विषय पर अपनी बात रखते हुए इसका जिक्र किया. उन्होंने कहा,
"संसद में केवल 14 प्रतिशत महिलाएं हैं. वहीं, विधान सभाओं में उनकी संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है."
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आधिकारिक तौर पर महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है. सभी दलों की बैठक के बाद होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस भी नहीं की गई. लेकिन केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इसे लेकर एक ट्वीट किया. हालांकि, उन्होंने बाद में इसे डिलीट कर दिया. उन्होंने इसमें लिखा था,
“महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था. जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. प्रधानमंत्री मोदी और मोदी सरकार का अभिनंदन.”
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राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने भी महिला आरक्षण को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
"प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट ने संसद और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 1/3 प्रतिनिधित्व वाले महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी देकर एक बड़ा कदम उठाया है."
महिला आरक्षण विधेयक का मसौदा 2008 में UPA की सरकार ने तैयार किया था. इसके 2 साल बाद ये राज्यसभा से पारित हुआ. लेकिन लोकसभा में इसे पेश ही नहीं किया जा सका. BJP और कांग्रेस देश की दोनों बड़ी पार्टियों ने हमेशा इसका समर्थन किया है. लेकिन गठबंधन और स्थानीय पार्टियों के दबाव के चलते ये लोकसभा में पेश नहीं किया जा सका. कई पार्टियों की ये भी मांग है कि महिला आरक्षण में पिछड़े वर्गों के लिए अलग से आरक्षण हो.
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