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Om Birla से मिले Rahul Gandhi, इमरजेंसी वाले बयान पर याद दिलाई ये बात, और क्या बात हुई?

Lok Sabha Speaker: OM Birla ने अपने भाषण में Congress सरकार के 1975 में लिए गए Emergency के फैसले की निंदा की थी. इस पर Rahul Gandhi और KC Venugopal की प्रतिक्रिया सामने आई है.

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Om Birla,Rahul Gandhi
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला को के सुरेश ने चुनौती दी थी. (तस्वीर: PTI)
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28 जून 2024
Updated: 28 जून 2024 08:20 IST
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PM मोदी (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल की शुरूआत के बाद लोकसभा में इमरजेंसी (Emergency) की चर्चा कई बार हुई. पहले प्रधानमंत्री ने, फिर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने और फिर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आपातकाल की चर्चा की. अब इस मसले पर कांग्रेस का जवाब आया है. कांग्रेस ने इसे एक राजनीतिक कदम बताते हुए कहा है कि सदन में इस बात को कहने से बचा जा सकता था. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस संबंध में ओम बिरला से चर्चा भी की है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 जून को ओम बिरला से हुई शिष्टाचार मुलाकात में राहुल गांधी ने इस बात को रेखांकित किया. कांग्रेस सांसद और संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल (K C Venugopal) ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से संसदीय कामकाज की चर्चा की और इमरजेंसी वाले मुद्दे को भी उठाया. राहुल गांधी ने ओम बिरला से कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की ओर से इस बात को टाला जा सकता था. क्योंकि ये एक पॉलिटिकल रेफरेंस है. इस मुलाकात के दौरान राहुल के साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे.

चिट्ठी भी लिखी

केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में लोकसभा स्पीकर को एक चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने कहा है कि अध्यक्ष के भाषण में अपातकाल का जिक्र सुनकर उन्हें हैरानी हुई. उन्होंने लिखा,

“मैं ये पत्र संसद की विश्वसनीयता पर गहरा प्रभाव डालने वाले एक बहुत ही गंभीर मामले के संबंध में लिख रहा हूं. 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में आपके निर्वाचन पर बधाई देने के समय सदन में एक सामान्य सौहार्दपूर्ण माहौल था. जैसा कि ऐसे अवसरों पर होता है. हालांकि, उसके बाद जो हुआ, वो चौंकाने वाला है. यानी कि आपके भाषण में आधी सदी पहले हुई आपातकाल की घोषणा का जिक्र किया. लोकसभा अध्यक्ष द्वारा इस तरह का राजनीतिक उल्लेख संसद के इतिहास में ‘अनप्रेसिडेंशियल’ है. नवनिर्वाचित अध्यक्ष की ओर से इस बात के कहे जाने के बाद ये और भी गंभीर हो जाता है. मैं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से, संसदीय परंपराओं के इस उपहास पर अपनी गहरी चिंता और पीड़ा व्यक्त करता हूं.”

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K C Venugopal Letter to Om Birla
केसी वेणुगोपाल की चिट्ठी.
Om Birla ने कहा क्या था?

26 जून को ओम बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया, ध्वनि मत से. इसके बाद बिरला ने अपने भाषण में कांग्रेस सरकार के 1975 में लिए गए इमरजेंसी के फैसले की निंदा की. और इसका विरोध करने वाले लोगों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी का विरोध करने वाले लोगों ने लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाई. लोकसभा स्पीकर ने कहा था कि 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा.

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