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पंजाब ने 8 दिन में ही कर दी दिल्ली की हवा जहरीली, पराली जलाने के आंकड़े होश उड़ा देंगे!

5 नवंबर को ही पंजाब में पराली जलाने के 3230 मामले सामने आए हैं. पूरे सीजन में 17 हजार से ज्यादा बार जलाई जा चुकी है पराली.

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5 नवंबर को पंजाब में पराली जलाने के रिकॉर्ड तोड़ मामले (फोटो- AFP)
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ज्योति जोशी
6 नवंबर 2023 (Published: 14:11 IST)
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पंजाब में पराली जलाने (Punjab Stuble Burning) के हैरान कर देने वाले आंकड़ें सामने आए हैं. इस सीजन में वहां अब तक 17,403 पराली जलाने की घटनाओं का पता चला है. कुल मामलों का 78.25%  पिछले आठ दिनों का है. यानी, करीब 13 हजार मामले पिछले आठ दिनों में सामने आए हैं. इसके अलावा 5 नवंबर को खेतों में आग लगने की 3,230 घटनाएं दर्ज की गईं, जो कि एक दिन के हिसाब से इस सीजन का सबसे बड़ा आकंड़ा है. 

ये आंकड़े पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 15 सितंबर से 5 नवंबर तक दर्ज की गई पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में 41 फीसदी कम हैं. पिछले साल इस समय तक 29,400 मामले दर्ज हुए थे. 2021 में 5 नवंबर को 5,327 और 2022 में 5 नवंबर को 2,817 मामले सामने आए.

इधर, दिल्ली NCR की एयर क्वालिटी दिन ब दिन बद्तर होती जा रही है. हर तरफ धुंध छाई हुई है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी हैं. अब तो लगभग सभी इलाकों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' कैटेगरी में पहुंच गया है. 6 नवंबर को सुबह 8 बजे दिल्ली का एवरेज AQI 436 था. SAFAR की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा का AQI 616 दर्ज किया गया.

बाकी इलाकों का क्या हाल?

दिल्ली विश्वविद्यालय- 409 (गंभीर)
लोधी रोड- 450 (गंभीर)
दिल्ली हवाई अड्डा- 559 (गंभीर)
आर्यनगर- 499 (गंभीर)
गुरूग्राम- 516 (गंभीर)
मथुरा रोड- 393 (बहुत खराब)

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीडिया को बताया,

कल की तुलना में दिल्ली के AQI में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन ये अभी भी गंभीर कैटेगरी में है. दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण कंट्रोल करने के फैसले के लिए एक बैठक बुलाई है. आज इस बैठक में GRAP-4 को लागू करने पर चर्चा होगी. 

ये भी पढ़ें- दिल्ली की हवा तो भरपूर खराब है, लेकिन दुनिया की सबसे प्रदूषित जगहों भारत के ये दो शहर भी

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट CSE ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस साल शहर में स्मॉग और खराब AQI की समस्या पिछले साल की तुलना में जल्दी शुरू हो गई है. इसका कारण सितंबर और अक्टूबर में कम बारिश हो सकती है. इससे पहले CAQM (Commission for Air Quality Management) ने बताया कि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, खेतों में आग लगाने की घटनाओं में बढ़ोतरी और दिल्ली में प्रदूषकों (Pollutants) को ले जाने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं बढ़ते AQI बढ़ने का प्रमुख कारण हैं.

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