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'देश के लिए काम का ये इनाम मिला', पुंछ में 3 लोगों के शव मिलने पर BSF भाई ने सवाल उठाया

गांव के एक व्यक्ति का दावा, 'मृतकों के शरीर पर टॉर्चर के निशान थे. जो घायल अस्पताल में भर्ती हैं उनके शरीर पर भी चोटों के निशान हैं.'

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एक ही परिवार के तीन लोगों की हुई मौत (सांकेतिक फोटो- PTI)
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ज्योति जोशी
24 दिसंबर 2023 (Updated: 24 दिसंबर 2023, 13:37 IST)
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जम्मू कश्मीर के पुंछ (Poonch) में 22 दिसंबर को तीन नागरिकों के शव मिले थे. अब मृतकों के परिजनों का बयान सामने आया है. खबर है कि तीनों मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे. परिवार वालों ने शव मिलने पर सवाल उठाया है. एक मृतक का भाई सीमा सुरक्षा बल (BSF) में हेड कांस्टेबल के तौर पर काम करता है. अपने भाई की मौत पर शोक प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए काम करने के बदले ये इनाम मिला है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने मृतकों के परिवार वालों से बात की है. मृतकों की पहचान 48 साल के सफीर अहमद और उनके दो चचेरे भाई 28 साल के मोहम्मद शौकत और 25 साल के शब्बीर अहमद के तौर पर हुई है. आरोप है कि इन सभी को 21 दिसंबर को हुए आतंकी हमले के संबंध में पूछताछ के लिए ले जाया गया था.

मृतक सफीर के भाई और BSF हेड कांस्टेबल नूर अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 22 दिसंबर की शाम को एक DSP लेवल के पुलिस अधिकारी ने फोन करके उन्हें भाई की मौत की जानकारी दी. नूर ने दावा किया कि उनका भाई अलग-अलग उग्रवाद विरोधी अभियानों से जुड़ी एजेंसियों के लिए काम करता था. उन्होंने बताया,

“(भाई की) मौत की खबर से माता-पिता कोमा जैसी स्थिति में हैं.”

मृतक शौकत के चाचा मोहम्मद इकबाल ने घटना वाले दिन की जानकारी दी. दावा किया कि 22 दिसंबर को सुबह करीब 10 बजे दो पुलिस कॉन्स्टेबल और एक आर्मी जवान उनके भतीजे को घर से उठाकर ले गए थे. उन्होंने अखबार को बताया,

“मौत की जानकारी मिली तो हम रात 10 बजे बफ्लियाज पहुंचे. वहां शव और घायल लोग सड़क के किनारे पड़े हुए थे. उपायुक्त चौधरी और पुंछ के SSP विनय शर्मा वहां मौजूद थे.उन्होंने हम से शवों को दफनाने के लिए ले जाने के लिए कहा, लेकिन रात होने के चलते हमने मना कर दिया.”  

 गांव के एक व्यक्ति ने अखबार को बताया कि मृतकों के शरीर पर टॉर्चर के निशान थे. जो घायल अस्पताल में भर्ती हैं उनके शरीर पर भी कथित तौर पर चोटों के निशान हैं.

ये भी पढ़ें- कश्मीर: पुंछ में 5 जवानों की जान किसने ली थी? पाकिस्तान कनेक्शन मिला, भारत में कौन था मददगार?

दूसरी तरफ ये भी खबर है कि स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को वित्तीय मदद और सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया है. इसके बाद ग्रामीण तीनों शवों को घर ले आए. मृतकों के रिश्तेदारों में से एक ने दावा किया कि पुंछ के उपायुक्त ने हर मृतक के परिजनों को 30 लाख रुपये, सुरनकोट में 10 मरला प्लॉट और एक सरकारी नौकरी दी है.

वीडियो: राजौरी और पुंछ में हुए दो बड़े आतंकी हमलों के पीछे कौन था, NIA ने पता लगा लिया है

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