करतारपुर कॉरिडोर: PM मोदी ने इमरान को शुक्रिया कहा, लेकिन इमरान का जवाब पीएम मोदी को पसंद नहीं आएगा
वहां पर भी कॉरिडोर से ज़्यादा 'विवादित मुद्दे' पर ही बोलता नज़र आया पाकिस्तान.
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71 साल 11 महीने और 25 दिन बाद सिख संगत भारत-पाकिस्तान सीमा से क़रीब 4.7 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में मौजूद श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में खुले दर्शन-दीदार करने जा सकेगी. वो भी बिना वीज़ा लिए. भारत-पाकिस्तान बंटवारे में ये गुरुद्वारा पाकिस्तानी हिस्से को तकसीम हुआ था. लेकिन 9 नवंबर के रोज़ भारत और पाकिस्तान सरकार द्वारा करतारपुर लांघा (कॉरिडोर) सिख संगत को समर्पित करने के बाद 14 करोड़ नानक नामलेवा सिख संगत गुरुधाम के खुले दर्शन कर सकेगी. करतारपुर साहिब वही जगह है जहां पर गुरु नानकदेव ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल बिताए थे. और यहीं समाधि ली थी.
प्रधानमंत्री मोदी सुल्तानपुर लोधी के बेर साहिब गुरुद्वारे में.
भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झंडा दिखाकर सिख संगत के पहले जत्थे को करतारपुर साहिब रवाना किया. इस जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, शिरोमणी अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरन बादल और हरदीप सिंह पुरी के साथ क़रीब 500 श्रद्धालु शामिल थे.
प्रधानमंत्री मोदी सुबह करीब 11 बजे डेरा बाबा नानक पहुंचे थे. उन्होंने सुल्तानपुर लोधी में बेर साहिब गुरुद्वारे में माथा टेका और बाकी नेताओं के साथ लंगर छका. सिख संगत को संबोधित करते हुए मोदी ने श्रद्धालुओं को बधाई दी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इस पहल के लिए धन्यवाद भी कहा.
लंगर छकते पीएम मोदी.
'करतारपुर में गुरु नानक देव जी के पसीने की महक' : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,''मेरा सौभाग्य है कि आज देश को करतारपुर कॉरिडोर समर्पित कर रहा हूं. जैसी अनुभूति आप सभी को कार सेवा के समय होती है, वही मुझे इस वक्त हो रही है. दुनियाभर में बसे सिख भाई-बहनों को बधाई देता हूं. गुरु नानक देव जी, सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं. गुरु नानक देव एक गुरु होने के साथ-साथ एक विचार हैं, जीवन का आधार हैं.''प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आर्टिकल 370 का ज़िक्र भी किया. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में रह रहे सिखों को बराबर के हक मिले हैं.
''उन्होंने सीख दी कि धर्म तो आता जाता रहता है लेकिन सत्य मूल्य हमेशा रहते हैं. उन्होंने सीख दी है कि अगर हम मूल्यों पर रह कर काम करते हैं तो समृद्धि स्थायी होती है. करतारपुर के कण-कण में गुरु नानक देवजी के पसीने की महक मिली है.''
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान.
वहीं करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के पहले तो सिख संगत को बधाई दी. लेकिन 14 मिनट की अपनी स्पीच में ज़्यादतर हिस्सा कश्मीर और भारत-पाकिस्तान रिश्ते पर बोलते रहे. इमरान खान ने कहा,
‘‘कश्मीर में आज हम जो देख रहे हैं कि यह अब जमीन का मुद्दा नहीं है. यह इंसानी हक़ूक (मानवाधिकार) का मामला बन गया है. कश्मीर के लोगों को जानवरों जैसे रखा जा रहा है, उन्हें मूलभूत इंसानी हक़ूकों से वंचित किया जा रहा है. 80 लाख लोगों को नौ लाख सैनिकों से बंद कर रखा है. अगर बर्रे-सगीर (भारतीय उपमहाद्वीप) में कश्मीर का मसला हल हो जाए तो खुशहाली आ सकती है.''हालांकि अपने पूरे भाषण में इमरान खान ने एक भी बार अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी को शुक्रिया अदा नहीं किया.
इमरान के संबोधन के दौरान क़रीब 12,000 लोग गुरुद्वारा परिसर में थे. इनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, नवजोत सिंह सिद्धु और सन्नी देओल भी शामिल थे.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बोली बीते तीन दिनों में बार-बार बदलती रही है. उनके भारतीय पत्रकारों के सवालों पर चिढ़ने और हर बात को कश्मीर के साथ जोड़ने के कई वीडियो सामने आ रहे हैं.
करतारपुर साहिब लांघे के उद्घाटन के मौके पर भी वो राजनीति करते नज़र आए. कश्मीर का ज़िक्र उन्होंने अपने भाषण में कई बार किया. हालांकि कुरैशी ने एक बात ऐसी भी बोली जो दोनों मुल्कों के बाशिंदों को पसंद आएगी. कुरैशी ने कहा
"अगर बर्लिन दीवार गिर सकती है, अगर करतारपुर गलियारा खोला जा सकता है तो फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) रूपी अस्थायी सीमा को भी खत्म किया जा सकता है."
शाह महमूद कुरैशी, पाकिस्तानी विदेश मंत्री
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करतारपुर साहिब में माथा टेकने के बाद कहा कि
ये बहुत अच्छा अनुभव था. मुझे उम्मीद है कि करतारपुर लांघा भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का लांघा बनेगा.इससे पहले भारत में हुए प्रोग्राम में उन्होंने केंद्रीय सरकार को मदद के लिए शुक्रिया कहा था. और करतारपुर लांघे का किसी भी तरह से ग़लत इस्तेमाल करने का इरादा रखने वालों को चेताया था.
पीएम मोदी को सम्मनित करते कैप्टन अमरिंदर सिंह.
करतारपुर लांघे से हर रोज़ 5 हज़ार श्रद्धालु करतारपुर साहिब के दर्शन-दीदार करने जा सकेंगे. पाकिस्तान सरकार ने भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 100 पुलिस कर्मी भी तैनात किए हैं.
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में तैनात स्पेशल पुलिस फोर्स.
करतारपुर साहिब जाने के लिए भारतीयों को वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी. वो पासपोर्ट दिखाकर ही गुरुद्वारे में दर्शन कर पाएंगे. इस पूरे लांघे का निर्माण 10 महीने के रिकॉर्ड समय में हुआ है. इसके लिए भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने काम कर रहे श्रमिकों का शुक्रिया अदा किया है.
रात में ऐसा दिखता है गुरुद्वारा करतारपुर साहिब.
अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बता रहे सौरभ द्विवेदी