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'कुछ तो कमी थी, जो सदियों तक राम मंदिर न बन पाया... ' 35 मिनट तक क्या-क्या बोले PM मोदी?

PM Narendra Modi ने Ram Mandir के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर भावुक दिखे.

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PM Narendra Modi speech at Ram Mandir Ayodhya
भाषण के दौरान भावुक हो गए प्रधानमंत्री मोदी | फोटो: PTI
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रविराज भारद्वाज
22 जनवरी 2024 (Updated: 22 जनवरी 2024, 16:46 IST)
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अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में प्राण प्रतिष्ठा ( Pran Pratishtha) संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी जाहिर की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे, हमारे  रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे.

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि कैलेंडर में लिखी यह एक तारीख भर नहीं, एक नए कालचक्र का उद्गम है. अपने करीब 35 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा,

''आज हमारे राम आ गए हैं. सदियों की प्रतिक्षा के बाद प्रभु राम आ गए हैं. सदियों की तपस्या और बलिदान के बाद प्रभु राम आ गए हैं. इस अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई. 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है. कैलेंडर में लिखी यह एक तारीख नहीं, एक नए कालचक्र का उद्गम है. आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे. हमारा कितना बड़ा सौभाग्य है कि हम इस पल को जी रहे हैं. यह पल सामान्य पल नहीं है. यह कालचक्र पर लिखी अमिट लकीर है.'

पीएम मोदी ने आगे कहा,

‘’मैं दिव्य चेतना का अनुभव कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा प्रार्थना भी कर रहा हूं. हमारी तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी जिसकी वजह से हम इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं कर पाए. तब 14 वर्ष का वनवास था तब भी अयोध्या वासियों ने इतना वियोग सहा. आज इतनी सदियों तक वियोग सहना पड़ा. आज वो कमी पूरी हुई. मुझे विश्वास है कि प्रभु श्रीराम जरूर हमें क्षमा करेंगे.''

ये भी पढ़ें: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, विदेशी मीडिया ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि राम आग नहीं बल्कि ऊर्जा हैं. उन्होंने कहा,

‘’राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं. राम कण-कण में हैं. राम पर्व से लेकर परंपरा  तक में समाए हुए हैं. हर युग में लोगों ने राम को जिया है. हर युग में लोगों ने राम को अपने-अपने भाव में अभिव्यक्त किया है. भारत के हर कोने के लोग रामरस का पान करते रहे हैं. राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, हर जगह समान है. मुझे अलग-अलग भाषाओं में लिखी रामकथा का श्रवण करने का अवसर मिला. राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है. उन अनगिनत लोगों, ऋषियों के हम सभी ऋणी हैं. यह क्षण उत्सव का तो है ही, यह बोध का भी है. यह क्षण बस विजय का ही नहीं, विनय का भी है.''

न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया

प्रधानमंत्री ने साथ ही संविधान की पहली प्रति में भगवान राम के विराजमान होने का जिक्र किया और न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा,

‘’भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं. दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली. मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली.''

पीएम मोदी ने सिंहद्वार से किया था प्रवेश

इससे पहले 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को पूरे विधि विधान के साथ पूरी हुई. यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे. सिंहद्वार से प्रवेश करने वाले पीएम के हाथ में भगवान राम का छत्र भी नजर आया. चांदी का ये छत्र एक वस्त्र के ऊपर रखा हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ये छत्र लेकर राम मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे. गर्भगृह में उन्होंने चांदी के छत्र को पुजारी को सौंपा. आगे पीएम गर्भगृह में बैठे और उन्होंने यजमान के रूप में संकल्प लिया. इसके साथ ही प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की भी शुरुआत कर दी गई.

 

गर्भगृह में पूजा करते PM मोदी और योगी. (तस्वीर: Narendra Modi YouTube Channel)

 

ये भी पढ़ें: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई , तस्वीरों में देखिए कैसे हुआ अनुष्ठान

 

Ram Mandir Ayodhya
राम मंदिर, अयोध्या (तस्वीर साभार: PTI)

इससे पहले, मंगल ध्वनि के बीच राम लला का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू हुआ था. दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि शुरू हुई थी. जो 84 सेकेंड तक चली. पीएम ने भगवान राम की प्रतिमा के आंख से पट्टी खोली और हाथ में कमल का फूल लेकर पूजा की. इस दौरान गर्भगृह में पीएम मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) भी मौजूद थे. पीएम मोदी राम मंदिर ने गर्भगृह में पूजा की.

अपना संबोधन खत्म करने के बाद पीएम मोदी ने महंत नृत्य गोपालदास का आर्शीवाद लिया. उसके बाद वो भगवान शिव की आराधना के लिए कुबेर किले की तरफ प्रस्थान कर गए.

वीडियो: अयोध्या में विवादित जगह पर कैसे आई थी राम लला की मूर्ति? उस रात का किस्सा खुल गया

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