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PM मोदी ने फिलिस्तीन के लोगों को लिखा पत्र, आजाद फिलिस्तीन का किया समर्थन, और क्या कहा?

PM Modi letter to Palestinian people : पीएम मोदी ने अपने लेटर में लिखा, 'हम बातचीत के ज़रिए दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) का समर्थन करते हैं.'

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PM Modi writes letter to Palestine International Day of Solidarity with Palestinian People
पीएम मोदी के लेटर पर नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी की भी प्रतिक्रिया आई है. (फ़ोटो - PTI)
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हरीश
30 नवंबर 2024 (Published: 10:39 IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलीस्तीन (PM Modi Palestine Letter) के लोगों के विकास के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया है. साथ ही, उन्होंने फिलिस्तीन में चल रहे संघर्ष के बीच सुरक्षा और मानवीय स्थिति पर भी चिंता जताई है. उन्होंने तत्काल युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और आतंकवादी गतिविधियों को ख़त्म करने की मांग भी है. 29 नवंबर को ‘फिलिस्तीनी लोगों के साथ अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता दिवस’ मनाया जाता है.

इस अवसर पर उन्होंने फिलीस्तीनी लोगों के नाम पत्र लिखा है. वहीं, नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीनी दूतावास ने इस बयान का स्वागत किया है. फिलिस्तीन में हमास और इज़रायल के बीच संघर्ष लंबे समय से जारी है. इसमें हज़ारों लोगों की मौत हो गई है. वहीं, इससे पूरी दुनिया को कई तरह के नुक़सान हुए हैं. इस पर प्रधानमंत्री ने लिखा,

भारत वर्तमान सुरक्षा और मानवीय स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है. भारत का विश्वास है कि बातचीत और कूटनीति ही स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान की कुंजी है. हम बातचीत के  ज़रिए दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) का समर्थन करते हैं. जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो सके और जो इज़रायल के साथ शांति से रह सके.

26 नवंबर को लिखे गए प्रधानमंत्री के इस पत्र में कहा गया,

भारत एक ‘दृढ़ विकास साझेदार’ के रूप में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत इस यात्रा में फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़ा रहेगा, जिसमें उनकी ज़रूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों के प्रोजेक्ट्स को जारी रखना शामिल है.

पीएम मोदी के इस लेटर पर नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एल्राजेज अबू जाजर की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा,

हम भारत के प्रधानमंत्री के मैसेज का स्वागत करते हैं और उसकी सराहना करते हैं. इस मैसेज में महत्वपूर्ण बातें थीं. जिनमें एक व्यवहार्य फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना तथा कूटनीतिक और राजनीतिक रास्ते से टू-स्टेट सॉल्यूशन के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की गई. फिलिस्तीनी लोग इसे हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - इजरायल और फिलिस्तीन में से किसके समर्थक थे महात्मा गांधी?

उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन, ग़ाज़ा में इज़रायली युद्ध को रोकने के लिए तत्काल युद्ध विराम के लिए मोदी के मांग का भी स्वागत और समर्थन करता है. साथ ही, फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता देना जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता का भी स्वागत करता है.

इससे पहले, सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक हुई थी. बताते चलें, अक्टूबर 2023 में संघर्ष की शुरुआत के बाद से ही भारत ने - इज़रायल पर हमास के हमलों की तरफ़ इशारा करते हुए - आतंकवाद की निंदा की है. साथ ही, टू-स्टेट सोल्यूशन की वकालत भी की है.

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