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दूसरों के घर में बर्तन मांजे, गरीबी में बीता जीवन, मां के जन्मदिन पर PM मोदी ने लिखा इमोशनल ब्लॉग

पीएम मोदी की मां का जन्म 18 जून 1923 को हुआ था. उन्होंने अपने सौवें वर्ष में प्रवेश किया है.

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PM Modi with mother Hiraben
मां के जन्मदिन उनसे मिलने पहुंचे पीएम मोदी. फोटो-ANI
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श्वेता सिंह
18 जून 2022 (Updated: 18 जून 2022, 12:58 IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपनी मां हीराबेन  (Hiraben) के जन्मदिन पर एक इमोशनल ब्लॉग लिखा है. पीएम मोदी की मां आज, 18 जून को अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं. इस मौके पर उनका आशीर्वाद लेने पीएम मोदी गांधीनगर स्थित अपने घर पहुंचे. उन्होंने मां के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा कीं.

मां हीराबेन के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उनके पैर धोए, तो वहीं मां ने भी उनका मुंह मीठा कर आशीर्वाद दिया. पीएम ने तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,

आज मेरी मां अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं, इस मौके पर उनका आशीर्वाद लिया.


सिर्फ तस्वीरें ही नहीं, पीएम मोदी ने इस खास मौके पर अपनी मां के लिए एक इमोशनल ब्लॉग भी लिखा. ब्लॉग साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा,


मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है, जीवन की वो भावना है, जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया है.

मेरी मां, हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं, उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है. मैं अपनी खुशी और सौभाग्य साझा कर रहा हूं.

 

PM मोदी लिखते हैं, 

पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते. यानि 2022 एक ऐसा वर्ष है, जब मेरी मां का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है. मेरी मां का जन्म, मेहसाणा जिले के विसनगर में हुआ था. वडनगर से ये बहुत दूर नहीं है. मेरी मां को अपनी मां यानी मेरी नानी का प्यार नसीब नहीं हुआ था. एक शताब्दी पहले आई वैश्विक महामारी का प्रभाव तब बहुत वर्षों तक रहा था. उसी महामारी ने मेरी नानी को भी मेरी मां से छीन लिया था. मां तब कुछ ही दिनों की रही होंगी. उन्हें मेरी नानी का चेहरा, उनकी गोद कुछ भी याद नहीं है. आप सोचिए, मेरी मां का बचपन मां के बिना ही बीता, वो अपनी मां से जिद नहीं कर पाईं, उनके आंचल में सिर नहीं छिपा पाईं. मां को अक्षर ज्ञान भी नसीब नहीं हुआ, उन्होंने स्कूल का दरवाजा भी नहीं देखा. उन्होंने देखी तो सिर्फ गरीबी और घर में हर तरफ अभाव.

फाइल फोटो- पीएम मोदी ब्लॉग


अपनी और मां के संघर्षों को याद करते हुए पीएम ने लिखा,  

बचपन के संघर्षों ने मेरी मां को उम्र से बहुत पहले बड़ा कर दिया था. वो अपने परिवार में सबसे बड़ी थीं और जब शादी हुई, तो भी सबसे बड़ी बहू बनीं. बचपन में जिस तरह वो अपने घर में सभी की चिंता करती थीं, सभी का ध्यान रखती थीं, सारे कामकाज की जिम्मेदारी उठाती थीं, वैसे ही जिम्मेदारियां उन्हें ससुराल में उठानी पड़ीं. इन जिम्मेदारियों के बीच, इन परेशानियों के बीच, मां हमेशा शांत मन से, हर स्थिति में परिवार को संभाले रहीं. वडनगर के जिस घर में हम लोग रहा करते थे, वो बहुत ही छोटा था. उस घर में कोई खिड़की नहीं थी, कोई बाथरूम नहीं था, कोई शौचालय नहीं था. कुल मिलाकर मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत से बना वो एक-डेढ़ कमरे का ढांचा ही हमारा घर था. उसी में मां-पिताजी, हम सब भाई-बहन रहा करते थे. उस छोटे से घर में मां को खाना बनाने में कुछ सहूलियत रहे, इसलिए पिताजी ने घर में बांस की फट्टी और लकड़ी के पटरों की मदद से एक मचान जैसी बनवा दी थी. वही मचान हमारे घर की रसोई थी. मां उसी पर चढ़कर खाना बनाया करती थीं और हम लोग उसी पर बैठकर खाना खाया करते थे. घर चलाने के लिए दो चार पैसे ज्यादा मिल जाएं, इसके लिए मां दूसरों के घर के बर्तन भी मांजा करती थीं. समय निकालकर चरखा भी चलाया करती थीं, क्योंकि उससे भी कुछ पैसे जुट जाते थे. कपास के छिलके से रूई निकालने का काम, रूई  से धागे बनाने का काम, ये सब कुछ मां खुद ही करती थीं. उन्हें डर रहता था कि कपास के छिलकों के कांटें हमें चुभ ना जाएं.'

पीएम मोदी अपनी मां के साथ. फाइल फोटो (पीएम के ब्लॉग से)


पीएम मोदी ने ब्लॉग में अपनी मां की सादगी समेत कई खासियतों के बारे में भी लिखा है. उन्होंने लिखा,

दुनिया में क्या चल रहा है, आज भी इस पर मां की नजर रहती है. हाल-फिलहाल में मैंने मां से पूछा कि आजकल टीवी कितना देखती हो? मां ने कहा कि टीवी पर तो, जब देखो तब-सब आपस में झगड़ा कर रहे होते हैं.

मेरी मां जमीन पर बर्तन रख दिया करती थीं. छत से टपकता हुआ पानी उसमें इकट्ठा होता रहता था. उसी पानी को मां घर के काम के लिए अगले 2-3 दिन तक इस्तेमाल करती थीं. जल संरक्षण का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है.

उन्होंने लिखा,

मेरी मां के नाम आज भी कोई संपत्ति नहीं है. मैंने उनके शरीर पर कभी सोना नहीं देखा. वह पहले भी सादगी से रहती थीं और आज भी वैसे ही अपने छोटे से कमरे में पूरी सादगी से रहती हैं.

मां के लिए पीएम मोदी का पूरा ब्लॉग आप यहां पढ़ सकते है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अवसर पर मंदिर में एक खास पूजा भी आयोजित की जाएगी. जिसमें पीएम अपनी मां के साथ शामिल होंगे. साथ ही पीएम वडोदरा में एक रैली भी संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी गुजरात को 21 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे.

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