राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा संपन्न, जानें इस दौरान गर्भगृह में क्या क्या हुआ
भगवान राम की मूर्ति के अनावरण के वक्त RSS प्रमुख Mohan Bhagwat भी PM Modi के साथ मौजूद थे. इस अवसर पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री को अंगूठी भी पहनाई.
अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम विराजमान हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्राण प्रतिष्ठा की पूजा संपन्न की (Pran Pratishtha Concluded). इस दौरान गर्भगृह में RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityaath) और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास (Mahant Nritya Gopaldas) समेत चुनिंदा साधु-संत मौजूद थे.
जिस प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लेकर देशभर में पिछले कई दिनों में हर तरफ चर्चा हो रही थी, वो घड़ी जब आई तो पीएम मोदी 32 सीढ़ियां चढ़ते हुए सिंहद्वार से राम मंदिर में दाखिल हुए. उनके हाथों में छत्र था, जो पीएम मोदी ने गर्भगृह में भगवान राम को समर्पित किया.
गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की पूजा भगवान विष्णु की प्रार्थना के साथ शुरू हुई. सर्वप्रथम भगवान राम की पुरानी प्रतिमा की पूजा हुई. जिसके बाद पुजारियों ने भगवान राम की उपस्थिति का आह्वान करने के लिए मंत्रों का जाप शुरू किया. 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त के दौरान भगवान राम की नई प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटाई गई. मूर्ति के अनावरण के बाद PM मोदी ने भगवान पर फूल बरसाए, आरती की और पूजा-अर्चना भी की.
अनुष्ठान पूरा होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की नव-अनावरण मूर्ति के समक्ष 'साष्टांग प्रणाम' किया.
सारी रस्में पूरी होने के बाद एक संत ने PM मोदी के हाथ पर पवित्र धागा भी बांधा. उन्हें एक अंगूठी भी पहनाई गई.
CM योगी आदित्यनाथ ने PM नरेंद्र मोदी को अयोध्या के राम मंदिर की चांदी की प्रतिकृति भी भेंट की है.
इसके बाद स्टेज पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के गोविंद देव गिरी जी महाराज ने PM मोदी को चरणामृत पिलाया और उनका 11 दिन का उपवास तोड़ा. खबर है कि PM पिछले 11 दिनों से सिर्फ नारियल पानी पी रहे थे.
प्राण प्रतिष्ठा में क्या होता है?प्राण प्रतिष्ठा का मतलब होता है जीवन देना. हिंदू धर्म में जब भी किसी पूजा स्थल पर मूर्ति को स्थापित किया जाता है तो प्राण प्रतिष्ठा के बिना उसकी पूजा नहीं की जाती. मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा से देवी-देवता उस मूर्ति में साक्षात अवतरित हो जाते हैं. या आसान शब्दों में कहें तो मूर्ति में प्राण आ जाते हैं और वो पूज्यनीय हो जाती है. प्राण प्रतिष्ठा के तहत वेदों और पुराणों में लिखे अनुष्ठानों के जरिए प्रतिमा को देवता में बदलने की मान्यता है. इसमें मूर्ति को गंगा जल या पवित्र जल से स्नान करवाया जाता है. साफ कपड़े से मूर्ति को पोछते हैं. नए कपड़े पहनाते हैं. मूर्ति को आसन पर विराजमान किया जाता है. फिर विधिवत तरीके से भगवान का श्रृंगार और पूजा की जाती है.
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जनसभा को संबोधित करने के बाद PM मोदी का कुबेर टीला पर जाने का भी कार्यक्रम है. खबर है कि वो मंदिर निर्माण से जुड़े 'श्रमजीवियों' (श्रमिकों) से भी बातचीत करेंगे.