उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का कार्य 15दिनों से चल रहा है. आज इन मजदूरों पर पीएम मोदी का बयान आया है. हैदराबाद मेंचुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार लगातार उन श्रमिकों कोनिकालने के लिए प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री बोले, "आज जब हम देवी-देवताओं से प्रार्थना कर रहे हैं, मानवता के कल्याण की बात कर रहेहैं, तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाईयों को भी स्थान देना है, जो बीतेकरीब दो सप्ताह से उत्तराखंड की एक टनल में फंसे हुए हैं. सरकार और तमाम एजेंसियांमिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं. लेकिनइस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है."हादसा दिवाली के दिन 12 नवंबर को हुआ था. सुबह के वक्त सिल्क्यारा को डंडालगांव सेजोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. तभी से वहां 41 मजदूर फंसे हुएहैं. अधिकारियों ने बताया कि मलबे के पीछे फंसे लोगों को पाइप के ज़रिए खाना-पानीभेजा जा रहा है. अधिकारी लगातार उनके साथ संपर्क में हैं. फंसे लोग बिहार, झारखंड,उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से हैं. मलबा 65 से70 मीटर तक फैला हुआ है. सबसे पहले गिरे हुए मलबे को हटाकर अंदर पहुंचने का प्लानथा. हालांकि, इस ऑपरेशन के वक्त छत से अलग मलबा गिरता रहा. टीम 21 मीटर अंदर हीपहुंच सकी. इसके बाद मशीन से ड्रिलिंग कर पाइप डालने का प्लान बनाया गया. आगे की ड्रिलिंग में ऑगर मशीन को नुकसान पहुंचा, तो काम रोका गया. अब मशीन के टूटेहिस्से निकाले जाएंगे. इस कार्य के लिये रैट माइनर्स को भी बुलाया गया है, जो हाथसे बचाव सुरंग खोदेंगे. पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग भी जारी है. सारा कामसेना के मद्रास इंजीनियर ग्रुप की निगरानी में हो रहा है.