'मेरी पार्टी भी...', इलेक्टोरल बॉन्ड पर बड़े दावे कर गए PM मोदी?
PM Modi ने उन आरोपों पर भी जवाब दिया कि ED के दबाव में कुछ कंपनियों ने बीजेपी को चंदा दिया. उन्होंने कहा कि Electoral Bond स्कीम के बंद होने से देश में कालेधन को बढ़ावा मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लाने का मकसद ही कालेधन पर रोक लगाना था. इसका उद्देश्य ही चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल बंद कराना था. मोदी सरकार 2017 में इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि
इससे देश में कालेधन को बढ़ावा मिलेगा और सबको पछतावा होगा.
पीएम मोदी ने ये बयान न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू के दौरान दिया. इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े फैसले के बाद पीएम मोदी ने इस पर विस्तार से अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा,
चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल को लेकर देश में चर्चा होती रही है. ये कैसे खत्म हो, इस पर विचार-विमर्श होता रहा है. चुनाव में खर्चा होता है, इस बात को कोई नकार नहीं सकता. मेरी पार्टी भी खर्च करती है. लेकिन मेरी इच्छा थी कि चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल बंद हो. पारदर्शिता आए. हम इसका समाधान ढूंढ रहे थे. इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में हमें एक रास्ता मिला. हम ये नहीं कह रहे हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए यही एकमात्र रास्ता है.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस स्कीम पर संसद में चर्चा हो चुकी है. बिल संसद में पास हुआ है. उन्होंने कहा कि और आज कुछ लोग जो इस स्कीम पर आरोप लगा रहे हैं तब इसके समर्थन में थे. उन्होंने कहा कि शुरुआत में राजनीतिक पार्टियों को 20 हजार रुपये कैश चंदा लेने की छूट थी. सुप्रीम कोर्ट ने 20 हजार कैश चंदा लेने की छूट दी थी. जिसे बाद में ढाई हजार रुपये किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वो चंदे के नाम पर कैश का खेल खत्म करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि व्यापारियों को चेक से चंदा देने में समस्या होती थी. इसलिए उनकी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आई.
यह भी पढ़ें: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, SBI को देनी होगी पिछले 5 साल की जानकारी...
प्रधानमंत्री ने इस पूरे मसले पर बात करते हुए उन आरोपों पर भी जवाब दिया जिनमें कहा गया कि केंद्रीय एजेंसियों के छापे के बाद कुछ कंपनियों ने बीजेपी को चंदा दिया. उन्होंने कहा,
तीन हजार कंपनियों ने इस स्कीम के तहत चंदा दिया है. इनमें 26 के खिलाफ ED की जांच चल रही है. इन 26 में से 16 कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने ED की कार्रवाई के बाद चंदा दिया. इनमें से भी सिर्फ 37 प्रतिशत ने बीजेपी को चंदा दिया बाकी 63 प्रतिशत ने विपक्ष को चंदा दिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि इस स्कीम की सफलता की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इसी स्कीम की वजह से ये पता चल सका कि किस पार्टी को किसने, कितना चंदा दिया. हालांकि, पीएम मोदी ने कहा कि इस स्कीम में सुधार की गुंजाइश जरूर है.
वीडियो: 'कोई सिस्टम परफेक्ट नहीं होता', इलेक्टोरल बॉन्ड पर PM मोदी ने क्या-क्या कहा?