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"तमाशा बना दिया है, कोर्ट को बंद कर दीजिए फिर"- बुलडोजर चलाने पर HC के जज गुस्सा गए

पटना हाई कोर्ट के जज ने कहा, "पुलिस और सीओ मिलकर घूस लेकर घर तुड़वा रहे हैं."

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Bulldozer patna high court
पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस संदीप कुमार (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/Patna High Court)
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साकेत आनंद
4 दिसंबर 2022 (Updated: 30 दिसंबर 2022, 10:45 IST)
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"क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? ऐसा कौन पावरफुल आदमी है जो आप बुलडोजर लेकर इनका (घर) तोड़ दिए? आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं सरकार का या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया है कि किसी का घर बुलडोजर से तोड़ देंगे."

ये टिप्पणी पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस संदीप कुमार ने की है. जस्टिस कुमार ने एक महिला का मकान बुलडोजर से गिराए जाने पर पटना पुलिस को फटकार लगाई. कोर्ट याचिकाकर्ता सहयोगा देवी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. 15 अक्टूबर को प्रशासन ने उनका घर गिरा दिया था. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ जमीन माफियाओं के इशारे पर उनके मकान को अवैध तरीके से गिरा दिया गया.

‘कोर्ट को बंद कर दीजिए फिर…’

इसी विवाद पर जस्टिस संदीप कुमार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने 24 नवंबर को ये टिप्पणी की थी. जस्टिस कुमार ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, 

"भूमि विवादों को चिन्हित कर थाना को ही मामले के निपटारे का पावर दे दिया गया है? आपकी समस्या है तो थाना जाइए, पैसे दे दीजिए और घर तुड़वा दीजिए किसी का... सिविल कोर्ट को बंद कर दीजिए फिर."

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि दबाव बनाने के लिए उन पर झूठी FIR भी दर्ज कर दी गई. इस पर जस्टिस कुमार ने कहा, "बहुत अच्छे...मैं यहां आपको बचाने के लिए हूं ना कि परेशान करने के लिए."

जज ने आगे कहा, 

"हम आपको सबसे (घर गिराए जाने के जिम्मेदार अधिकारी) 5 लाख रुपये का मुआवजा दिलवाएंगे. अपने पॉकेट से देंगे. पुलिस और सीओ मिलकर घूस लेकर घर तुड़वा रहे हैं."

'दूध से धुले हुए हैं आप लोग?'

जज ने पटना पुलिस को जमीन माफियाओं का 'एजेंट' तक कह दिया. जस्टिस कुमार ने कहा कि पटना में माफियाओं के जमीन कब्जे में आपलोग जो एजेंट बने हुए हैं, इसे रोका जाना चाहिए. पटना पुलिस के वकील ने कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वैसा है नहीं. इस पर जज ने कहा कि आप लोग तो दूध से धुले हुए हैं.

कोर्ट ने आदेश में आगे कहा कि अगमकुआं पुलिस स्टेशन की FIR पर रोक लगी रहेगी. साथ ही मामले में याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी. हाई कोर्ट ने SP ईस्ट, सर्किल ऑफिसर और अगमकुआं पुलिस स्टेशन के प्रभारी को 8 दिसंबर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है.

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