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पाकिस्तान में हिंसक हुए प्रदर्शन, हजारों छात्र कह रहे लड़की का रेप हुआ, सरकार मानने को तैयार नहीं

Pakistan Protest News: पिछले हफ्ते एक प्राइवेट कॉलेज की छात्रा के साथ कथित रेप से जुड़ी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थीं. मामले में पुलिस ने कॉलेज के एक सिक्योरिटी गार्ड को अरेस्ट किया है. सरकार कह रही रेप जैसी कोई वारदात नहीं हुई, आखिर ये मामला है क्या?

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pakistan widespread students protest over alleged rape case 150 arrested many booked
पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन (फोटो- W.K. Yousafzai/AP)
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ज्योति जोशी
19 अक्तूबर 2024 (Published: 09:50 IST)
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पाकिस्तान में एक कथित रेप केस को लेकर बवाल मचा हुआ है (Pakistan Protest. कॉलेज और यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. खबर है कि 17 अक्टूबर को प्रोटेस्ट के दौरान छात्रों ने कॉलेज बिल्डिंग में जमकर तोड़फोड़ की. जिसके बाद पुलिस ने उन पर आंसू गैस और लाठियों बरसाईं. दो दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा की गई है. इस बीच धारा 144 भी लगाई गई है. पुलिस का कहना है कि अब तक वो 250 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है. उन सभी पर शांति भंग करने के आरोप लगे हैं. अरेस्ट हुए लोगों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं.

किस 'रेप केस' को लेकर बवाल?

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला पंजाब प्रांत का है. पिछले हफ्ते यहां के एक प्राइवेट कॉलेज की छात्रा के साथ कथित रेप से जुड़ी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थीं. मामले में पुलिस ने कॉलेज के एक सिक्योरिटी गार्ड को अरेस्ट किया जो कथित तौर पर इस घटना में शामिल था. मामले को लेकर पंजाब प्रांत के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

रेप किस दिन हुआ, कहां हुआ, किसके साथ हुआ? इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

सरकार-प्रशासन का क्या कहना?

कॉलेज प्रशासन, पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री और युवती के माता-पिता ने रेप की खबरों को गलत बताया है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने सोशल मीडिया पर फर्जी रिपोर्ट फैलाने के लिए PTI को दोषी ठहराया और कहा कि अखबार ने बलात्कार की मनगढ़ंत खबर छापी है. 16 अक्टूबर को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फेरेंस में कहा,

एक घटना घटी और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन, घटना को अलग ही ऐंगल से बताया गया है. छात्रों को गुमराह करने के लिए एक घिनौनी और खतरनाक योजना बनाई गई है. 

पंजाब ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के समूह निदेशक आगा ताहिर और अन्य पदाधिकारियों ने भी इस घटना को निराधार बताया है. 

खबर है कि मामले को लेकर प्रांतीय सरकार ने एक विशेष समिति भी बनाई. समिति के मुताबिक, कथित पीड़िता ने बताया कि दो अक्टूबर को वो अपने घर में फिसल गई थी और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां 11 अक्टूबर तक उसका इलाज चला. समिति ने कहा कि छात्रा 3 से 15 अक्टूबर तक कॉलेज नहीं गई.

जिस कॉलेज में रेप होने का आरोप है, वहां के एक छात्र मौज उल्लाह ने CNN से कहा कि वो उसके लिए न्याय मांगने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बताया,

मुझे कॉलेज या पुलिस पर विश्वास नहीं है क्योंकि वो रेप पर अपनी स्थिति बदलते रहे हैं. कॉलेज ने शुरू में ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया था. अगर ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी तो उन्होंने गार्ड को गिरफ्तार क्यों किया?

हिंसक हुए प्रदर्शन!

14 अक्टूबर को कॉलेज के सुरक्षा गार्डों और पुलिस के साथ झड़प में कम से कम 28 लोग घायल हो गए. 16 अक्टूबर को सार्वजनिक और निजी संस्थानों के छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया. हिंसक झड़पों में PGC बॉयज कैंपस के एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई और कई छात्र घायल हो गए. आरोप है कि छात्रों ने कॉलेज के कैंपस में तोड़फोड़ और आगजनी भी की.

मृतक गार्ड के बेटे की शिकायत के आधार पर गुजरात सदर पुलिस ने PPC की धारा 302, 452, 440, 506, 148 और 149 के तहत कम से कम 185 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. घायल छात्रों के घरवालों की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है.

रावलपिंडी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हाफिज कामरान असगर ने द डॉन से कहा कि लगभग 150 हिंसक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है और स्थिति अब कंट्रोल में है. उन्होंने कहा कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है. 

उधर, लाहौर में बड़ी संख्या में छात्र पंजाब कॉलेज के कैंपस में इकट्ठा हुए. आरोप है कि उन्होंने पार्किंग एरिया में आग लगाई और खिड़कियां-दरवाजे तोड़े. लाहौर के बुर्की रोड पर छात्रों ने यातायात रोका और घटना को छुपाने का आरोप लगाते हुए कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस्लामी जमीयत तलाबा, रेड वर्कर्स फ्रंट और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव समेत कई छात्र संगठन प्रदर्शन में छात्रों के साथ आए हैं.

विपक्षी पार्टियां जैसे PTI (Pakistan Tehreek-e-Insaf) और TLP (Tehreek-e-Labbaik Pakistan) भी इस प्रदर्शन में छात्रों के साथ है. 18 अक्टूबर को धारा 144 के बावजूद PTI कार्यकर्ता और नेता इकट्ठा हुए. उनका आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद पुलिस उन पर हमला कर रही है. खबर है कि रैली के दौरान एक TLP समर्थक की मौत भी हुई है. 

संघीय जांच एजेंसी भी मामले की जांच में जुटी हुई है. सोशल मीडिया पर रिपोर्ट फैलाने वाले लोगों की पहचान की जा रही है.

वीडियो: तारीख: भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त करेंसी को लेकर क्या तय हुआ?

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