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हवा में 900 फीट पर टूटकर झूलने लगी केबल कार, 15 घंटे चला ऑपरेशन, फिर कैसे बचे स्कूली बच्चे?

रेस्क्यू करने पहुंचा हेलिकॉप्टर तो बात और बिगड़ गई, Pakistan के खैबर पख्तूनख्वा की इस घटना का video वायरल

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Pakistan cable car chairlift wire broke 15 hour rescue operation viral video battagram
रेस्क्यू ऑपरेशन 15 घंटे तक चला (फोटो- ट्विटर)
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ज्योति जोशी
23 अगस्त 2023 (Updated: 23 अगस्त 2023, 09:42 IST)
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पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa) में घंटों चले रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) के बाद छह स्कूली बच्चों सहित आठ लोगों की जान बचा ली गई. वो छात्र केबल कार (Cable Car) से स्कूल जाने के लिए निकले थे. बीच रास्ते में ही उसका एक तार टूट गया. दूसरे तार के सहारे केबल कार 900 फीट की ऊंचाई पर झूलती रही. इतने नाजुक हालात में अंदर फंसे लोगों बचाना ज्यादा मुश्किल हो गया.

घटना खैबर पख्तूनख्वा के बट्टाग्राम इलाके की है. रोज की तरह 22 अगस्त की सुबह भी खाई का रास्ता पार करने के लिए छात्रों और दो लोगों ने केबल कार का इस्तेमाल किया. तभी हादसा हुआ. हवा में लटकती केबल कार में फंसे लोगों को बचाने का काम शुरू हुआ.

रिस्की और खतरनाक ऑपरेशन

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले रेस्क्यू के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टर भेजे गए. दो छात्रों को हेलिकॉप्टर से रस्सी फेंककर बचाया गया. लेकिन इसके बाद तुरंत ऑपरेशन को सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि हेलिकॉप्टर के घूमते रोटर ब्लेड की वजह से केबल कार जोर से हिलने लगती थी. इससे केबल कार को सहारा देने वाली इकलौती तार भी टूट सकती थी.

एक सरकारी अधिकारी ने जियो न्यूज को बताया कि जैसे ही केबल कार के नजदीक जाने पर हेलीकॉप्टर की हवा से केबल कार हिलने लगी और उसका संतुलन बिगड़ने लगा जिससे बच्चे डर के मारे चिल्लाने लगे.

15 घंटे चला ऑपरेशन

इसके बाद ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी शुरू हुई. इसी बीच केबल कार में दिल की बीमारी से पीड़ित एक यात्री बेहोश हो गया. टूटी हुई केबल कार हिले ना, इसके लिए एक दूसरी केबल कार वहां भेजी गई. उसके जरिए ही अंदर फंसे लोगों को खाना-पानी-दवा पहुंचाई गई. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबकि, हवा तेज थी और अंधेरा भी होने लगा था इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन 15 घंटे तक चला. रेस्क्यू से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालांकि लल्लनटॉप उनकी पुष्टि नहीं करता है. 

रात 11 बजे पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने ट्वीट किया,

राहत की बात है कि सभी बच्चों को सफलतापूर्वक और सुरक्षित बचा लिया गया है.

कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को ऐसे सभी प्राइवेट केबल कारों की जांच करने के निर्देश दिए हैं.

सड़कों और पुलों की कमी 

जिस स्कूल के बच्चे केबल कार में फंसे थे उसके प्रिंसिपल अली असगर खान ने AFP को बताया कि स्कूल पहाड़ी इलाके में है, जहां कोई सुरक्षित रास्ता नहीं है इसलिए केबल कार का इस्तेमाल करना आम बात है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और गिलगित-बाल्टिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में सड़कों और पुलों की कमी है और वहां भी केबल कार का इस्तेमाल कॉमन है.

AP की रिपोर्ट के मुताबिक, वहां इस्तेमाल की जाने वाली केबल कारों का रखरखाव अक्सर खराब होता है, जिससे हर साल कई हादसे और मौतें होती हैं. 2017 में राजधानी इस्लामाबाद के पास एक पहाड़ी गांव में केबल टूटने की वजह से 10 लोगों की मौत हुई थी. 

वीडियो: दुनियादारी: पाकिस्तान के राष्ट्रपति से गद्दारी, ट्वीट पर बवाल, पाक फौज़ की जान फंसी?

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