The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • One Nation One Election Approv...

'वन नेशन, वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, कोविंद कमेटी ने दी थी रिपोर्ट

One Nation One Election को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.

Advertisement
one nation one election
वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
18 सितंबर 2024 (Updated: 18 सितंबर 2024, 16:36 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक देश, एक चुनाव (One Nation One Election) के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. एक दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इसी सरकार के इसी कार्यकाल में इसकी घोषणा की जाएगी. कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस प्रस्ताव को बिल के रूप में लोकसभा में पेश किया जा सकता है.

Ramnath Kovind की रिपोर्ट में क्या था?

2 सितंबर, 2023 को केंद्र सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में 8 सदस्य थे. अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की. उनके अलावा कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, फाइनेंस कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी भी शामिल थे. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए थे.

ये भी पढ़ें: 'वन नेशन वन इलेक्शन' से किस पार्टी को होगा फायदा? रामनाथ कोविंद ने साफ-साफ बता दिया

18 हजार पन्नों की रिपोर्ट

14 मार्च 2024 में इस कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. 191 दिनों के रिसर्च के बाद कमेटी ने 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोविंद कमेटी ने साल 2029 में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी. इसके लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की बात कही गई थी. लोकसभा, विधानसभा और लोकल लेवल के चुनाव के लिए एक ही वोटर लिस्ट रखने की बात कही गई.

कमेटी की सिफारिशें:

1. पहले चरण में लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव हों.

2. दूसरे चरण में लोकसभा-विधानसभा के साथ स्थानीय निकाय चुनाव हों.

3. पूरे देश में सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए.

4. सभी के लिए वोटर आई कार्ड भी एक जैसा ही होना चाहिए.

5. सदन में अविश्वास, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी घटना की स्थिति में, सदन के शेष कार्यकाल के लिए नई लोकसभा या राज्य विधानसभा के गठन के लिए नए चुनाव कराए जाने चाहिए.

6. चुनाव कराने के लिए लॉजिस्टिक्स की आवश्यकताओं को ECI पूरा करेगा. ECI राज्य चुनाव आयोगों के साथ मिलकर इसे तय करेगा.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'एक देश, एक चुनाव' प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि ये प्रैक्टिकल नहीं है. उन्होंने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने को चुनाव से पहले चुनावी हथकंडा करार देते हुए कहा,

 “जब चुनाव आते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी ये सब बातें कहती है.”

खरगे ने कहा कि देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी.

ऐसे हो सकती है शुरुआत…

कमेटी की रिपोर्ट में पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई. वहीं दूसरे चरण में 100 दिन के अंदर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की बात कही गई थी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि वन नेशन वन इलेक्शन पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी थी. इसमें से 32 ने पक्ष में, जबकि 15 विपक्ष में वोट किया था.

वीडियो: वन नेशन वन इलेक्शन की चुनौतियों पर अब चुनाव आयोग ने क्या कह दिया?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement