दिल्ली-NCR में सबसे ज्यादा प्रदूषण, AQI जानकर तो सांस लेना बंद कर देंगे!
नोएडा के सेक्टर 125 में 30 अक्टूबर की सुबह को AQI 688 पर पहुंच गया. तो दिल्ली के जहांगीरपुरी में 566 AQI दर्ज किया गया. ये इस सीजन का सबसे गंभीर आंकड़ा है.
दिल्ली से सटे नोएडा में सांस लेना भी हानिकारक होेने लगा है. नोएडा के सेक्टर 125 में 30 अक्टूबर की सुबह को AQI 688 पर पहुंच गया. इस AQI को ‘खतरनाक और जोखिमभरा’ बताया जाता है. यानी NCR में आप सांस ले रहे हैं तो भी जोखिम उठा रहे हैं. ये हाल सिर्फ नोएडा का नहीं है, दिल्ली के जहांगीरपुरी में 566 AQI दर्ज किया गया. ये हाल देश की राजधानी का है. ये इस सीजन का सबसे ज्यादा AQI है. लेकिन उससे भी ज्यादा गंभीर बात ये है कि दिवाली तक ये आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की आशंका है.
SAFAR-India के मुताबिक, दिल्ली में आज सुबह 7 बजकर 33 मिनिट पर ओवरओल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 322 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है. वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में ओवरओल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 324 है. ये भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है.
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की वायु गुणवत्ता 29 अक्टूबर को भी 'बहुत खराब' की श्रेणी में रही. AQI 309 दर्ज किया गया था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) आंकड़ों के मुताबिक, 28 अक्टूबर को AQI 261 था- 'खराब' श्रेणी.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के लिए केंद्र की एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने भविष्यवाणी की है कि शहर की वायु गुणवत्ता और खराब होगी. इसकी मुख्य वजह तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति है. राजधानी की वायु गुणवत्ता इस महीने के अंत तक बेहद खराब रहने की आशंका है.
AQI का मतलब क्या होता है?हवा में मौजूद प्रदूषण की वजह से AQI बदलता है. जितना ज्यादा AQI, यानी उतना ज्यादा प्रदूषण. इसकी रेंज होती है शून्य से 500 तक. और इसी रेंज में हवा को तमाम उपमाएं दी जाती हैं.
AQI 0 से 50 है - हवा की क्वालिटी GOOD है
51 से 100 - संतोषजनक यानी SATIFACTORY है
101-200 - कम प्रदूषित यानी MODERATELY POLLUTED है
201-300 - मतलब हवा ख़राब यानी POOR है
301-400 - हवा बहुत ख़राब यानी VERY POOR है
401 के ऊपर हवा का स्तर - ख़तरनाक यानी SEVERE स्थिति में चला जाता है
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सेहत पर क्या असर?>0-50 - गुड. इतने AQI पर आपके स्वास्थ्य पर न्यूनतम असर पड़ेगा.
>51-100 - माने सैटिसफैक्ट्री. जिन्हें प्रदूषण से जल्द तकलीफ हो जाती है, उन्हें इतने AQI पर सांस लेने में कुछ तकलीफ हो सकती है.
>101-200 - मॉडरेट. फेफड़े या दिल के मरीज़ या जिन्हें अस्थमा हो, उन्हें इतने AQI पर सांस लेने में तकलीफ होती है.
>201-300 - पुअर. ज़्यादा देर ऐसी हवा में रहने पर हर किसी को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. माने स्वस्थ लोगों के लिए भी इस हवा में रहना मुश्किल है.
> 301-400 - वेरी पुअर. इस हवा में लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारी हो जाती है.
> 401-500 - सिवियर. इस हवा में स्वस्थ लोगों पर असर होता है. जिन्हें पहले से सांस या दिल की बीमारी है, उनपर गंभीर असर होता है.
अब आप शहरों के AQI के हिसाब से अंदाज लगाते जाइए कि यहां रहने वाले लोगों पर कितना गंभीर असर हो सकता है.