क्या है NEET परीक्षा का सवाल नंबर 19, जिसके जवाब के लिए SC को IIT की कमेटी बनानी पड़ी!
फिजिक्स सेक्शन के 19वें सवाल पर आपत्ति जताई थी. छात्रों ने NTA द्वारा इस सवाल के लिए स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के फैसला का विरोध किया था.
NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. 40 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सोमवार, 22 जुलाई को एग्जाम में फिजिक्स सेक्शन के सवाल नंबर 19 की जांच के आदेश दिए. अदालत ने IIT दिल्ली के तीन मेंबर्स की एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. जो ये बताएगी की फिजिक्स के प्रश्न का कौन सा ऑप्शन वैज्ञानिक रूप से सही है.
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कुछ याचिकाकर्ताओं ने फिजिक्स सेक्शन के 19वें सवाल पर आपत्ति जताई थी. छात्रों ने NTA द्वारा इस सवाल के लिए स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के फैसला का विरोध किया था. छात्रों का कहना है कि इसी वजह से 44 स्टूडेंट्स को टॉप रैंक मिली है.
फिजिक्स का सवाल नंबर 19सवाल- नीचे दो स्टेटमेंट्स दिए गए हैं.
1- एटम इलेक्ट्रिकली न्यूट्रल होते हैं क्योंकि उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बराबर होता है.
2. हर एलिमेंट के एटम स्टेबल होते हैं और खुद अपनी कैरेक्टरिस्टिक स्पेक्ट्रम रिलीज करते हैं.
इसमें से सही ऑप्शन चुनना था-
ऑप्शन 1- पहला स्टेटमेंट सही है लेकिन दूसरा गलत है.
ऑप्शन 2- पहला स्टेटमेंट गलत है लेकिन दूसरा सही है.
ऑप्शन 3- दोनों सही हैं.
ऑप्शन 4- दोनों गलत हैं.
याचिकाकर्ता ने इस प्रश्न का उत्तर नहीं देने का फैसला किया था. उन्हें 720 में से 711 मार्क्स मिले. उनका कहना था कि NTA ने इस सवाल के लिए कोई भी अंक देने से मना कर दिया, जिसके कारण वो पूरे नंबर स्कोर नहीं पाए. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि NTA ने उन छात्रों को पूरे नंबर दिए जिन्होंने कोई भी विकल्प चुना, जबकि उत्तर स्पष्ट नहीं था.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क को मजबूत मानते हुए NTA के प्री-एग्जाम इंस्ट्रक्शन की तरफ इशारा किया. एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने टेक्स्टबुक के नए एडिशन में दिए गए जवाब का पालन करने का आदेश दिया. बेंच ने कहा कि जब नई NCERT किताब के हिसाब से ऑप्शन 4 सही जवाब है, तो कैसे ऑप्शन 2 वालों को पूरे नंबर दिए गए. मामले को सुलझाने के लिए कोर्ट ने एक्सपर्ट्स की एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा,
“हम IIT दिल्ली के डायरेक्टर से तीन एक्सपर्ट्स की एक टीम गठित करने का अनुरोध करते हैं. वो सही ऑप्शन पर राय बनाएं.”
22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने गलती मानी. सॉलिसिटर जनरल ने माना कि देश भर के आठ केंद्रों पर वो प्रश्न पत्र नहीं बांटा गया जो निर्धारित था. लेकिन "कठिनाई का स्तर एक जैसा ही था." इसलिए एनटीए ने छात्रों को उसी पेपर के साथ परीक्षा देने की इजाजत देना उचित समझा. जिन अभ्यर्थियों ने दूसरा पेपर बांटा गया उनकी संख्या 3 हजार से कुछ ज्यादा है.
सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि झज्जर के हरदयाल स्कूल में कैंडिडे्टस को ग्रेस मार्क्स दिए गए. जबकि यहां पेपर सही दिया गया था. बाद में इस गलती सुधार लिया गया.
अब NEET-UG पेपर लीक मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होनी है.
सेंटर और सिटी वाइज रिजल्टबता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 20 जुलाई को NEET-UG का सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट जारी किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट में यूनिट-1 स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग आरके यूनिवर्सिटी एग्जाम सेंटर (केंद्र संख्या 22701) पर परीक्षा देने वाले सबसे ज्यादा छात्रों ने NEET-UG परीक्षा पास की है. यह आंकड़ा तकरीबन 85% है. राजकोट के इस एग्जाम सेंटर पर 12 छात्रों को 700 से अधिक अंक हैं.
राजस्थान के सीकर में विद्या भारती पब्लिक स्कूल एग्जाम सेंटर पर कुल 1001 उम्मीदवारों 5 मई को NEET-UG की परीक्षा दी थी. यहां 8 छात्रों के 700 से अधिक, 69 छात्रों के 650 से अधिक, 155 छात्रों के 600 से अधिक और 241 छात्रों के 500 से अधिक अंक आए हैं. वहीं गोधरा स्थित जलाराम इंटरनेशनल स्कूल में 1,838 छात्रों ने NEET परीक्षा दी. यहां भी हाईएस्ट स्कोर 700 से कम रहा, जिसमें पांच छात्रों ने 650 से ज्यादा, 14 ने 600 से ज्यादा और 31 ने 550 से ज्यादा स्कोर किया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये स्कोर अपेक्षित सीमा के भीतर हैं और विसंगतियों का संकेत नहीं देते हैं.
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