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बांग्लादेश के मानवाधिकार आयोग के सदस्यों ने दिया इस्तीफा, मॉब लिंचिंग पर आई थी रिपोर्ट

Bangladesh Human Rights: ये इस्तीफे तब सामने आए हैं जब बीते दिनें जारी की गई एक रिपोर्ट में देश में जुर्म और राजनीतिक हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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national human rights commission members of bangladesh all members resign nhrc
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा (PHOTO-AFP)
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मानस राज
8 नवंबर 2024 (Updated: 8 नवंबर 2024, 09:46 IST)
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बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुए 3 महीने हो चुके हैं. लेकिन 3 महीने बाद भी देश में सबकुछ ठीक नहीं है. इसी कड़ी में बांग्लादेश के मानवाधिकार आयोग (Bangladesh National Human Rights Commission) के सभी सदस्यों ने 7 नवंबर को एक साथ अपना इस्तीफा दे दिया. NHRC के चेयरमैन कमाल उद्दीन अहमद और उनके साथ अन्य 5 लोगों ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है.

कमीशन के प्रवक्ता युषा रहमान ने बांग्लादेश के न्यूज़ पोर्टल bdnews24.com के साथ बातचीत में कहा,

"कमीशन ने 7 नवंबर की दोपहर इस्तीफा दिया है. साथ ही ये इस्तीफा राष्ट्रपति तक पहुंचाया जा चुका है."

प्रवक्ता रहमान से इस्तीफे की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसलिए बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस्तीफा किस वजह से दिया गया है. इसके अलावा कमीशन के पूर्णकलिक सदस्य (Fulltime Members) मोहम्मद सलीम रज़ा, अमीनुल इस्लाम, कोंगजारी चौधरी, बिस्वजीत चंदा और तानिया हक़ ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

कमीशन को दिसंबर 2022 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने नियुक्त किया था. 5 अगस्त को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद जब देश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ, उसके बाद से ही सरकार के कई विभागों में बड़े पैमाने पर फेरबदल और इस्तीफे हो चुके हैं.

इससे पहले अक्टूबर 2023 में बांग्लादेश मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. ये महीनावार रिपोर्ट थी जो हर महीने जारी होती है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले कुछ समय में बांग्लादेश में भीड़ द्वारा पीटे जाने, बलात्कार और अन्य अपराधों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है. इस रिपोर्ट में राजनीतिक उत्पीड़न, नेताओं पर हमलों समेत अन्य कई हिंसक घटनाओं का भी ज़िक्र है.

शेख हसीना के देश छोड़ने के वक्त भी हिंसा की कई ख़बरें सामने आईं थीं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उनके धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर भारत भी अपनी चिंता ज़ाहिर कर चुका है. बावजूद इसके, बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं. और अब जब वहां के मानवाधिकार आयोग के सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में स्थिति कितनी खराब है, ये पता करना और भी मुश्किल हो जाएगा.

हिंदुओं पर हमले

बांग्लादेश के चिटगांव में भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की सरकार से 'चरमपंथी' तत्वों पर कार्रवाई करने और देश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चिटगांव में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों की निंदा की है. रणधीर जायसवाल ने कहा कि ये हिंसा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स की वजह से हुई. 

वीडियो: दुनियादारी: क्या डॉनल्ड ट्रंप के आने से दुनिया में जारी जंग रुक जाएगी?

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