कौन हैं SDM को थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा? जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
Deoli-Uniara के निर्दलीय प्रत्याशी Naresh Meena ने SDM अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया. Naresh Meena ने एक बार किरोड़ी लाल मीणा को खून से तिलक कर काफी चर्चा बटोरी थी.
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव हुए. लेकिन अब चर्चा में सबसे ज्यादा है देवली-उनियारा (Deoli-Uniara Assembly constituency) सीट. वजह है वहां एक एक निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा (Naresh Meena) की तरफ से किया गया कांड. कांड इसलिए क्योंकि नेताजी ने लोगों के सामने मालपुरा के सब-डिविजनल ऑफिसर (SDM) अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया.
मीणा का आरोप था समरावता गांव में चुनाव वोटिंग के दौरान SDM अमित चौधरी ने धांधली कराई. उनका आरोप था कि EVM मशीन पर उनका चुनाव चिन्ह ठीक से नजर नहीं आ रहा था. इस मुद्दे पर नरेश मीणा की SDM अमित चौधरी से बहस हो गई. बहस के दौरान नरेश मीणा ने अपना आपा खो दिया. और SDM को थप्पड़ जड़ दिया.
इस घटना के बाद नरेश मीणा धरने पर बैठ गए. नेताजी अब तक समझ चुके थे कि अब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने ही वाली है. फिर क्या था, उन्होंने अपने समर्थकों से समरावता गांव पहुंचने की अपील की. ज्यादा से ज्यादा संख्या में आने की. देखते ही देखते उनके सैकड़ों समर्थक वहां जुट गए. रिपोर्ट के मुताबिक धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों के लिए पिकअप वैन से भोजन और गद्दे लाए जा रहे थे.
पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनके समर्थक भड़क उठे. और मौके पर मौजूद SP विकास सांगवान से उलझ गए. इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने की कोशिश की. जिसके बाद उनके समर्थकों ने बवाल खड़ा कर दिया. जमकर पथराव और आगजनी की, जिससे हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गया. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब तक तकरीबन 60 बाइक और 18 कार को आग के हवाले कर दिया गया. 14 नवंबर को टोंक के एसपी विकास सांगवान भारी संख्या में पुलिसबल के साथ समरावता गांव पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अब ये नरेश मीणा हैं कौन? आइये थोड़ा बैकग्राउंड जानते हैं.
नरेश मीणा की बात करें तो वो बारां जिले के छबड़ा के रहने वाले है. वो स्टूडेंट लाइफ के टाइम से ही राजनीति में काफी एक्टिव हैं. कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से की. 2002 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. और साल 2003 में महासचिव पद का चुनाव जीतकर उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. करियर की शुरुआत में नरेश किरोड़ी लाल मीणा के शागिर्द रहे थे. एक बार तो उन्होंने जयपुर में मीणा समाज की रैली के दौरान किरोड़ी लाल मीणा का खून से तिलक किया था. दरअसल, नरेश ने अपने अंगूठे पर कट लगाकर नरेश मीणा का तिलक किया था. हालांकि बाद में किरोड़ी लाल मीणा से उनके वैचारिक मतभेद हुए. और वो अलग रास्ते पर चल पड़े.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नरेश मीणा को अब सचिन पायलट का बड़ा समर्थक माना जा रहा है. 2018 चुनाव टिकट में नरेश मीणा ने छावड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. जबकि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी नरेश मीणा को कांग्रेस ने छावड़ा से टिकट देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. इस दौरान उन्हें 43291 वोट मिले थे.
ये भी पढ़ें: पोलिंग स्टेशन पर कैंडिडेट को आया इतना गुस्सा, पुलिस के सामने अफसर को मारे थप्पड़, वीडियो वायरल
नरेश मीणा के बारे में जब हमने थोड़ी और जानकारी जुटाई तो पता चला कि वो कई मौकों पर विवादित बयान देते आए हैं. जिसमें से किरोड़ी लाल मीणा को लेकर दिया गया एक बयान भी शामिल है. जो उन्होंने इसी उपचुनाव के दौरान दिया था. नरेश मीणा ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने किरोड़ी लाल मीणा की नसबंदी कर दी है, बीजेपी ने उस मर्द को नामर्द बना दिया है. एक बयान काफी चर्चा में रहा था.जबकि SDM को थप्पड़ जड़ने के बाद वो भी जब धरने पर बैठे थे तब उन्होंने समर्थकों से अपील की थी कि सभी साथी अपने-अपने साधनों जैसे लठ्ठ, जैली, दंताली और फावड़ा लेकर धरना स्थल पर पहुंचे. मुझे कभी भी गिरफ्तार कर सकते हैं. यह लड़ाई अब आम लड़ाई नहीं. अपने स्वाभिमान की है.
बात मुकदमों की करें तो उपचुनाव के लिए दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनके ऊपर 12 मुकदमे चल रहे हैं. जबकि 2006 में वो IPC 283 के एक मामले में वो दोषी पाए जा चुके हैं. इनमें से अधिकतर आपराधिक मामले ही हैं. उनके नाम पर एक पेट्रोल पंप भी है.
बताते चलें कि समरावता गांव में 13 नवंबर को हुई हिंसा के बाद से तनाव का माहौल है. गांव में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. STF की टीम पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. और पुलिस ने 60 लोगों को हिरासत में भी लिया है. इस घटना में 15 पुलिसवाले घायल हुए हैं. साथ ही कई ग्रामीणों के भी घायल होने की खबर है.
वीडियो: लोकसभा चुनाव में पार्टी को जीत नहीं दिला पाएं, इसलिए किरोड़ीलाल मीणा ने दिया मंत्री पद से इस्तीफा