लोग जब सरकारी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं तो अक्सर कहते हैं कि वो समाजके लिए कुछ करना चाहते हैं. जो लिया है उसे वापस करना चाहते हैं. कर पाते है यानहीं ये तो नहीं पता लेकिन कुछ ऐसे लोग ज़रूर हैं जो बिना कहे भी ऐसा करते रहते हैं.तमाम परेशानियों और दबाव के बाद जो जितना कर सकते हैं, करने की कोशिश ज़रूर करतेहैं. ऐसा ही एक काम किया है मध्यप्रदेश के एक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने. इनका नाम हैस्वरोचिष सोमवंशी. फिलहाल मध्यप्रदेश के उमरिया में पोस्टेड हैं. गर्मी ने सारेरिकॉर्ड तोड़ रखे हैं. रोजमर्रा के कामों के लिए लोग जिला कार्यालय पहुंचते हैं. ऐसेमें उन्हें काफी परेशान होना पड़ता है. लाइन में लगते हैं. अब कलेक्टर साहब को लगाकि लोगों को गर्मी में क्यों रहने दिया जाए. जब उनके पास एसी की सुविधा है तो लोगगर्मी में क्यों मरें? पहले उन्होंने प्रशासन से एसी का प्रबंध करने को कहा. लेकिनजब वक़्त लगता दिखा तो उनसे रहा नहीं गया. अपने कमरे और मीटिंग हॉल का एसी निकालकरपोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में लगवा दिया. यहां पर शारीरिक रूप से कमजोर और पोषणकी कमी से जूझ रहे नवजात बच्चों का इलाज किया जाता है. यहां भर्ती महिलाओं औरबच्चों को इस फैसले से काफी राहत मिलने वाली है.Madhya Pradesh: District Collector Umaria, Swarochish Somavanshi removed AirConditioners from his chamber & the office halls, & got them installed inNutrition Rehabilitation Centers of the district. pic.twitter.com/dD3F4GQd8a— ANI (@ANI) June 7, 2019 जब स्वरोचिष से पूछा गया कि ये फैसला क्या सोचकर लिया तोउन्होंने कहा- ये हालात को देखते हुए लिया गया फैसला था. NRC बिल्डिंग के अंदर भीकाफी गर्मी थी. ऐसे में बच्चों की परेशानी को देखते हुए हम पहले से ही एसी केइंतजाम में जुटे थे लेकिन इसे फौरन बिल्डिंग में लगाना था. ब्लॉक में कुल 4 NRC हैंऔर हमने चारों में एसी लगवा दिए हैं.District Collector Umaria, Swarochish Somavanshi: It was a spontaneous decision.It was really hot inside NRC building. We are arranging ACs but we felt theyneeded to be installed immediately as there were children. We have 4 NRCs in theblock, we got ACs installed in all four. pic.twitter.com/c61OFWET9C— ANI (@ANI) June 7, 2019 अक्सर अफसरशाही की हनक के किस्से सामने आया करते हैं. आमलोगों पर रौब जमाने के. खुद को इलीट क्लास साबित करने की कोशिश करने के. लोगों सेअलग. कुछ खास. ऐसे में ऐसी ख़बरें सुकून देती हैं. नौकरशाही अपने आराम छोड़कर वो करनाचाहती हैं जो उन्हें वाकई करना चाहिए. एक कदम आगे जाकर लोगों की मदद. अभी कुछ दिनपहले ऐसा ही कुछ काम जालौन के डीएम मन्नान अख्तर ने भी किया था. इस अधिकारी ने यूपीमें सूखे का वो इलाज किया जो करोड़ों का पैकेज भी नहीं पाए. बुंदेलखंड में सूखे कीसमस्या से निबटने के लिए मन्नान अख्तर ने ज़िले के ज्यादातर चेक डैम मनरेगा के ज़रिएरिपेयर करवा लिए. इसके लिए सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया. देश को आगे लेजाने में स्वरोचिष जैसे और अधिकारियों की ज़रूरत है.--------------------------------------------------------------------------------वीडियो:जालौन के डीएम डॉ. मन्नान अख्तर की कहानी, जिन्हें बुंदेलखंड में अपने कामके लिए अवॉर्ड मिला है