मोहन यादव को पता होता कि CM बनेंगे, तो इस पोस्ट के लिए अप्लाई ना करते
Mohan yadav ने चुनावों से काफी पहले जुलाई, 2023 में WFI के उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था. फिर WFI चुनाव की तारीख आगे बढ़ गई. अब क्या नतीजा रहा?
मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने मोहन यादव (Mohan Yadav) चुनाव हार गए हैं. चौंकिए मत. इस हार का उनकी मुख्यमंत्री वाली कुर्सी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यहां पर हम भारतीय कुश्ती महासंघ WFI वाले चुनावों की बात कर रहे हैं. विधानसभा चुनावों से पहले मोहन यादव ने WFI के वाइस प्रेसिडेंट वाली पोस्ट के लिए अप्लाय किया हुआ था. नतीजे उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद 21 दिसंबर को आए. वो वोटों की कमी के चलते हार गए.
21 दिसंबर को WFI के कुल 15 पदों पर चुनाव हुए. अध्यक्ष पद के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष के 4 पदों, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के 2 पदों और 5 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव हुआ. इसमें उपाध्यक्ष के चार पदों के लिए पांच लोगों ने नामांकन भरा था. मोहन यादव ने चुनावों से काफी पहले जुलाई 2023 में इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया था. उनके अलावा असीत कुमार साहा, करतार सिंह, एन फोने और जय प्रकाश रेस में शामिल हुए.
उस वक्त WFI चुनाव अगस्त में होने वाले थे. फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इनपर रोक लगा दी. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. 9 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने रोक को हटा दिया. आखिर में चुनाव की तारीख 21 दिसंबर तय हुई. इसी दिन वोट डाले गए, गिनती हुई और नतीजे आ गए. बाकी चारों प्रत्याशियों ने मोहन यादव को पछाड़ दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के जय प्रकाश को 37 वोट, पश्चिम बंगाल के असित कुमार साहा को 42 वोट, पंजाब के करतार सिंह को 44 वोट और मणिपुर के एन फोने 38 वोट मिले. वहीं मोहन यादव केवल पांच वोट ही हासिल कर सके. जानकारी के लिए बता दें कि वो मध्य प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं.
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इधर, बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने गए हैं. संजय सिंह का मुकाबला कॉमन वेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीत चुकी अनीता श्योराण से था. अनीता श्योराण महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गवाह भी हैं. उन्हें बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों का समर्थन था. संजय सिंह ने अनीता श्योराण को 33 वोटों से मात दी.
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