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मालदीव में चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू को मिली बड़ी जीत, अब संसद की 85% सीटों पर भी कब्जा हो गया

Maldives के Parliamentary Election में जीत के लिए 47 सीटों की जरूरत होती है. Mohamed Muizzu की पार्टी PNC ने 79 सीटों पर जीत हासिल की है. भारत समर्थक माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह का क्या हुआ?

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Mohammad Muizzu
अपने मताधिकार का प्रयोग करते मालदीव के राष्ट्रपति. (तस्वीर साभार: PTI)
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रवि सुमन
22 अप्रैल 2024 (Updated: 22 अप्रैल 2024, 09:34 IST)
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मालदीव के संसदीय चुनाव (Maldives Parliamentary Election) में मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) को बड़ा बहुमत हासिल हुआ है. मुइज्जू फिलहाल वहां के राष्ट्रपति हैं और उन्हें चीन का करीबी माना जाता है. देश की 93 संसदीय सीटों के लिए चुनाव हुआ था. किसी भी पार्टी को सदन में बहुमत के लिए 47 सीटों की जरूरत थी.

न्यूज़ एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव सभी 93 सीटों के परिणाम घोषित हो गए हैं, इनमें मुइज्जू बहुमत का आंकड़ा पार कर चुके हैं. 79 सीटों पर मुइज्जू की पार्टी को जीत मिली है. PNC को बहुमत से 32 अधिक सीटें मिली हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत समर्थक माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के पास पिछली संसद में 65 सीटें थीं, लेकिन इस बार उसे केवल 15 सीटें मिली हैं.

ये भी पढ़ें: मालदीव के 3 मंत्रियों के बयान पर इतनी हैरानी क्यों, भारत विरोधी सरकार में ये तो होना था

इस चुनाव के लिए 6 दलों के कुल 368 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था. मुइज्जू की PNC ने 90 उम्मीदवार और MDP ने 89 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे. इसके अलावा डेमोक्रेट्स ने 39, जम्हूरी पार्टी (JP) ने 10, मालदीव्स डेवलपमेंट अलायंस (MDA), अधालथ पार्टी (AP) ने चार-चार और मालदीव्स नेशनल पार्टी (MNP) ने 2 उम्मीदवारों कि टिकट दिया था. 130 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा था.

इस चुनाव के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगे थे. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मतगणना वाले दिन उन्होंने कहा कि वो लोगों के लिए लड़ेंगे और लोगों की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. 

पिछले साल सितंबर में मुइज्जू ने राष्ट्रपति का चुनाव जीता था. उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था, जो MDP से हैं. मुइज्जू ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. इन दोनों को चीन समर्थक माना जाता है. यामीन को भ्रष्टाचार के आरोप में 11 साल की सजा दी गई थी. पिछले सप्ताह मालदीव की अदालत ने उनकी सजा रद्द कर दी. इसके बाद यामीन जेल से रिहा हो गए.

मुइज्जू ने भारत विरोधी ग्राउंड्स पर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था. चुनाव से कई सालों पहले से मुइज्जू ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को लीड कर रहे थे.

पिछली संसद में PNC और उसके सहयोगियों के पास केवल आठ सीटें थीं. सितम्बर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद बहुमत की कमी के कारण मुइज्जू को परेशानी का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब संसदीय चुनाव के नतीजों के बाद संसद का गणित उनके फेवर में होगा.

वीडियो: खर्चा पानी: भारत से रिश्ते बिगाड़कर मालदीव ने गलती कर दी?

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