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'अस्पतालों को मंदिर मत लिखो, हमारी धार्मिक भावनाएं...'- इन राज्यों ने केंद्र सरकार को ऐसा लेटर क्यों लिखा?

Ayushman Arogya Mandir: Mizoram और Nagaland ने इस फैसले पर चिंता व्यक्त की है. और कहा है कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं.

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Ayushman Bharat
मिजोरम और नागालैंड ने इस बदलाव का विरोध किया है. (सांकेतिक तस्वीर: HWC)
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रवि सुमन
26 जून 2024 (Published: 08:34 IST)
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केेंद्र सरकार ने पिछले साल ‘आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ (Ayushman Bharat Health and Wellness Centers) का नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) करने का फैसला लिया था. पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम और नागालैंड ने इसका विरोध किया है. समाज और चर्च की भावनाओं का हवाला देते हुए इन राज्यों ने चिंता व्यक्त की है. और कहा है कि इस नाम बदलने की प्रक्रिया से उन्हें छूट दी जाए. 

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े अनोनना दत्त की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये राज्य अभी पुराने नाम ‘आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. क्योंकि ये राज्य अपनी इस आपत्ति पर केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. ‘आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ देश भर में 1.6 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नेटवर्क है. इसे अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाता है. इनकी टैगलाइन है- "आरोग्यम परमम धनम" (स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है).

पिछले साल नवंबर में पहली बार राज्यों को इस बारे में सूचना दी गई थी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक एल एस चांगसन ने राज्यों को इस बारे में चिट्ठी लिखी. इसके बाद केंद्र ने अपनी वेबसाइट में बदलाव कर दिया. इस साल जनवरी में मिजोरम ने छूट मांगी थी. प्रधान सचिव एस्तेर लाल रुआत्किमी ने तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखा कि वो इस री-ब्रांडिंग के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त करना चाहेंगे.

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उन्होंने आगे लिखा कि मिजोरम में 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ईसाई है. ऐसे में इस बदलाव से लोगों की भावनाओं पर असर हो सकता है. इसलिए रुआत्किमी ने मिजोरम को इस बदलाव से बाहर रखने की मांग की. फरवरी में मिजोरम सरकार ने फिर से केंद्र सरकार से इसी मांग के लिए संपर्क किया.

नागालैंड ने भी जताई चिंता

इस साल मार्च में नागालैंड ने भी इसी तरह की चिंता जताई थी. राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव और आयोग के सदस्य वी केजो ने भी केंद्र सरकार को लिखा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस तरह के कदम पर गंभीर आपत्ति है. क्योंकि इससे राज्य के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. और चर्च तथा नागरिक समाज की ओर से कड़ी आपत्ति जताई जा सकती है. नागालैंड को भी इस बदलाव से बाहर रखने की मांग की गई. अभी तक नागालैंड को केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों (SHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (UPHC) को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों’ में बदला जा रहा है, ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी श्रृंखला बनाई जा सके.

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