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स्वस्थ पुरुषों के सीमन में मिला माइक्रोप्लास्टिक, स्टडी करने वाले शोधकर्ताओं ने चेताया

चीनी वैज्ञानिकों ने सीमन के जितने सैंपल कलेक्ट किए थे, सभी में माइक्रोप्लास्टिक की पुष्टि हुई है. इंसानों के प्रजनन तंत्र पर इसका क्या असर हो रहा है? इसे और समझने की जरूरत है.

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microplastic in human semen study
एक स्टडी के मुताबिक इंसानों के खून में भी माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है. (सांकेतिक फोटो: Getty)
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सुरभि गुप्ता
12 जून 2024 (Published: 21:04 IST)
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इंसानों के सीमन यानी वीर्य में भी अब माइक्रोप्लास्टिक (Microplastic) पाया गया है. चीन में की गई एक स्टडी में ऐसा पाया गया है. माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के बहुत छोटे (5 mm से कम आकार वाले) कण होते हैं. ये इतने छोटे हो सकते हैं कि हवा, पानी और खाने के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाएं. इंसानों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी को लेकर कई स्टडीज हुई हैं. 

एक स्टडी हुई, जिसमें इंसानों के खून में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया. एक स्टडी में मां के दूध में माइक्रोप्लास्टिक होने की बात कही गई. वैज्ञानिक लोगों के फेफड़ों में भी माइक्रोप्लास्टिक फंसे होने की बात कह चुके हैं. उनकी स्टडी से ये संकेत मिला कि हम इस खतरनाक चीज को अनजाने में ही सांस के जरिये शरीर के अंदर ले रहे हैं. अब चीनी वैज्ञानिकों की एक हालिया स्टडी में इंसानों के सीमन में माइक्रोप्लास्टिक मिला है.

सीमन के हर सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक मिला!

चीन में की गई इस स्टडी के लिए 40 स्वस्थ आदमियों के सीमन सैंपल लिए गए थे. चीन के जीनान में ये 40 आदमी शादी से पहले हेल्थ एसेसमेंट से गुजर रहे थे. इस स्टडी में टेस्ट किए गए सभी इंसानी सीमन के सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक मिला. स्टडी कर रहे रिसर्चर्स ने कहा है कि माइक्रोप्लास्टिक का प्रजनन पर पड़ने वाले संभावित नुकसान को समझने के लिए आगे और रिसर्च करने की जरूरत है. 

चीन के किंगदाओ यूनिवर्सिटी (Qingdao University) के निंग ली और उनके सहयोगियों ने कहा,

“ये रिसर्च बता रहा है कि इंसानों में माइक्रोप्लास्टिक मिलना मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इससे समझा जा सकता है कि मानव शरीर किस हद तक दूषित हो चुके हैं और प्रजनन के संबंध में इसके असर को समझना कितना जरूरी है.”

ये स्टडी Science of the Total Environment नाम के जर्नल में पब्लिश की गई है. इंसानों के स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक के असर को लेकर कई तरह के शोध हुए हैं. एक दूसरी हालिया स्टडी में भी इटली के 10 स्वस्थ आदमियों में से 6 आदमियों के सीमन में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया था. 

इंसानों के अंडकोष में भी माइक्रोप्लास्टिक मिला है!

हाल ही में पब्लिश हुई एक और स्टडी के मुताबिक मानव अंडकोष (testicle) में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया. वैज्ञानिकों ने 23 मानव अंडकोषों के साथ-साथ पालतू कुत्तों के 47 अंडकोषों से लिए गए सैंपल की जांच की थी. उन्हें हर सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक मिला.

चूहों पर किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक्स से स्पर्म काउंट में कमी हो सकती है. साथ ही, इसके कारण हॉर्मोन के काम में भी गड़बड़ी आ सकती है.

ये भी पढ़ें- आधा रह गया है पुरुषों का स्पर्म काउंट, क्यों हो रही है गिरावट?

लाखों टन प्लास्टिक कचरा पर्यावरण में फेंका जाता है और इसका काफी हिस्सा बहुत सारे माइक्रोप्लास्टिक में टूट जाता है. इससे माउंट एवरेस्ट की चोटी से लेकर गहरे महासागर तक प्रदूषित हो रहे हैं. ये प्लास्टिक समुद्री जीवों के लिए काफी हानिकारक साबित हुआ है. 

सैंड आर्टिस्ट लक्ष्मी गौड़ का सैंड आर्ट, जो 16 सितंबर, 2023 को मुंबई के जुहू बीच पर बनाया गया था.(फोटो: PTI)

अब इसका इंसानों के स्वास्थ्य पर किस हद तक असर पड़ रहा है, ये पता लगाने के लिए वैज्ञानिक और शोध किए जाने की जरूरत बताते हैं. हालांकि, लैब प्रयोगों में पाया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक्स मानव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं.

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